गोवा जैसा मैंने देखा स्वाध्याय
गोवा जैसा मैंने देखा स्वाध्याय इयत्ता दहावी हिंदी

पठनीय
गोवा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी पढ़िए और कालानुक्रम के अनुसार प्रमुख घटनाओं की तालिका बनाइए।
उत्तर :
गोवा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की कालानुक्रम के अनुसार प्रमुख घटनाओं की तालिका इस प्रकार है।
कालानुक्रम | घटनाओं |
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दुसरी शताब्दी से १३१२ तक | गोवा पर कंदम्ब वंश। |
१३१२ से १३६७ तक | दक्कन के मुस्लिम आक्रमणकारियों का शासन रहा। |
१४४० में | बहमनी वंश ने पुराने गोवा की स्थापना की। |
१४८२ के बाद | बहमनी राज्य का विभाजन। |
१५१० में | गोवा पर अल्फासो-दु-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ। |
१५७५ से १६०० के बीच | गोवा उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचा। |
१६०३ और १६३९ में | गोवा को डच बेड़े ने घेर लिया गया। |
१६३५ में | यह एक महामारी के कारण तबाह हो गया। |
१६८३ में | मुगल सेना ने इसे मराठा आक्रमणकारियों के कब्जे में जाने से बचाया। |
१७३९ में | मराठा आक्रमणकारियों का हमला हुआ। |
१७५९ में | पंजिम (अब पणजी) प्रशासन के मुख्यालय कों ले जाया गया। |
१८०९ में | अंग्रेजों का अस्थायी अधिकार। |
१८५५ ते १८६४ | कान्डे दि टोरेस नोवास का गवर्नर काल रहा। |
३ दिसम्बर १८९५ में | गोवा में विद्रोह। |
१८९६ में | अल्फासों हेनरीक्स डुक्सू डि ओपार्टो ने १८९६ में गवर्नर के अधिकारी का प्रयोग किया। |
१९४८ और १९४९ | भारत का गोवा पर दावा। |
१९५४ | गोवा के राष्ट्रवादियों का दादरा तथा नगर हवेली की बस्तियों पर कब्जा कर लिया। |
१८ सितम्बर १९६१ | भारत और पुर्तगाल के बीच तनाव। |
१९६२ में | संविधान संशोधन द्वारा पुर्तगाली भारत को भारतीय गणराज्य में शामिल कर लिया गया। |
लेखनीय
गोवा की तरह अन्य समुद्रवर्ती दर्शनीय स्थलों की जानकारी अंतरजाल की सहायता से प्राप्त कीजिए तथा लिखकर सूचना फलक पर लगाइए।
उत्तर :
समुद्रवर्दी दर्शनीय स्थलों की जानकारी इस प्रकार है।
राज्य | समुद्रवर्ती दर्शनीय स्थल |
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१) उड़ीसा | उड़ीसा की धार्मिक नगरी पुरी भगवान जगन्नाथ के मंदिर के लिए विश्वविख्यात है। परंतु इसका समुद्रीतट बेजोड़ है। |
२) कोणार्क | कोणार्क के समुद्रीतट पर सूर्योदय का नयनाभिराम दृश्य देखने के लिये प्रतिदिन हजारों दर्शक एकत्र होते है। |
३) आंध्रप्रदेश | आंध्र प्रदेश के ६६६ कि. मी. लम्बे समुद्रीतट पर दस प्रसिद्ध बंदरगाह है। यह मनगिनापुरीतट अपने मनोहारी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। |
४) विशाखापट्टनम | विशाखापट्टनम के सुनहरे बालू से भरे तट हमेशा से पर्यटकों को लुभाते रहे हैं। यहाँ की ‘डालफिननोज’ प्रसिद्ध है। |
५) ऋषिकोंडा | ऋषिकोंडा का तट सूर्य की गर्मी से गर्म हुए समुद्र द्वारा सदैव धुला-धुला दिखाई देता है। यह तट पूरीतरह से प्रदूषण मुक्त होने के कारण अपने मनोहारी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। |
६) महाराष्ट्र का मुंबई शहर | मुंबई को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है यहां जुहू, बरसोवा, चौपाटी, दादर, गिरगांव और इरानगल जैसे बालू के तट पर्यटकों को हर प्रकार से मन बहलाने में सक्षम है। |
७) कोवलम केरल | कोवलम केरल के ६०० किलोमीटर तटीय प्रदेश का सबसे शांत एवं खूबसूरत तट है। यहां पर सैलानी शांति और खुलेपन का अहसास करता है। |
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
१) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :

उत्तर :

२) कृति पूर्ण कीजिए :

उत्तर :

३) लिखिए :
१. नीले पानीवाला पथरीला –
उत्तर :
नीले पानीवाला पथरीला – अंजुना बीच
२. रेतीला तथा उथला –
उत्तर :
रेतीला तथा उथला – बेनालियम बीच
३. सबसे लंबा –
उत्तर :
सबसे लंबा – कलिंगवुड
४. मछुआरों की पहली पसंद –
उत्तर :
मछुआरों की पहली पसंद – बेनालियमबीच
४) सूची बनाइए :
गोवा का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शाने वाले वाक्य | |
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१. | |
२. | |
३. | |
४. |
उत्तर :
गोवा का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शाने वाले वाक्य | |
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१. | गोवा अपने खूबसूरत सफेद रेतीले तटो, महँगे होटलों तथा खास जीवन शैली के लिए जाना जाता है। |
२. | यह राज्य प्रत्येक पर्यटक के दिल की धड़कन है। |
३. | यहाँ की प्रकृति, आबोहवा और जीवन शैली आकर्षण ही ऐसा है। |
४. | अपने में एक सांस्कृतिक विरासत भी समेटे हुए है। |
५) कृति पूर्ण कीजिए :

उत्तर :

६) ‘बेनालिया’, अंजुना’ तथा ‘कलिंगवुड’ बीच की विशेषताएँ :
बेनालिया | अंजुना | कलिगंवुड |
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१. —————- | १. —————- | १. —————- |
२. ————— | २. ————— | २. ————— |
३. ————— | ३. ————— | ३. ————— |
उत्तर :
बेनालिया | अंजुना | कलिगंवुड |
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१. यह बीच रेतीला तथा उथला है। | १. यह बीच नीले पानीवाला पथरीला बहुत ही खूबसूरत है। | १. यह रेतीला तथा गोवा का सबसे लंबा बीच है। |
२. यह मछुआरों की पहली पसंद है। | २. यह बीच बॉलीवुड की पहली पसंद है। | २. इस बीच में पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। |
३. यहाँ सुबह-सुबह बड़ी मात्रा में मछलियाँ पकड़ी जाती है। | ३. इस बीच के एक ओर लंबी-सी पहाड़ी है। जहाँ से बीच का दृश्य देखा जा सकता है। | ३. यह बीच स्थानीय लोगों के व्यवसाय का केन्द्र भी है। |
७) सोचिए और लिखिए :

उत्तर :

अभिव्यक्ति
‘प्रकृति को सुंदर बनाए रखने में मेरा योगदान’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
प्रकृति को सुंदर बनायें रखने में मेरा योगदान सदैव ही रहेगा। मैं इस देश का नागरिक होने और इस धरती का वासी होने के नाते मेरी और हम सब की जिम्मेदारी है कि, हम सब को मिलकर इस धरती को स्वच्छ, सुन्दर और प्रदूषण से मुक्त बनायें।
हमें पर्यावरण को बचाने के लिए सर्वप्रथम स्वयं से शुरुआत करनी चाहिए और अपने आसपास की जगह को साफ सुथरा रखना चाहिए। अगर हर इंसान अपने आसपास की जगह को स्वच्छ बनाने लग जाए तो यह दुनिया गन्दगी से मुक्त हो जाएगी। और हम एक बेहतर पर्यावरण का निर्माण कर पाएँगे।
साथ ही हम सब के प्रकृति को सुंदर बनाने के लिए एक-एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। प्रकृति पर सबका हक है इसलिए इसकी रक्षा व सुंदरता बनाये रखना भी हमारा कर्तव्य है। मैं मानवीय प्रदूषणों को दूर करने का हर संभव प्रयास करूँगा, साथ ही मैं लोगों में प्रकृति को सुंदर बनाये रखने के लिए उन्हे जागृत करने का पूरा प्रयास करूँगा। हमारी प्रकृति सुंदर व स्वच्छ रहेगी तो हम सब भी स्वस्थ व सुंदर रहेगे।
भाषा बिंदु
१) कोष्ठक में दी गई संज्ञाओं से विशेषण संलग्न हैं। नीचे दी गई सारिणी में संज्ञा तथा विशेषणों को भेदों सहित लिखिए :
[भयभीत गाय, नीला पानी, दस लीटर दूध, चालीस छात्र, कुछ लोग, दो गज जमीन, वही पानी, यह लड़का ]
संज्ञा | भेद | विशेषण | भेद |
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उत्तर :
संज्ञा | भेद | विशेषण | भेद |
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गाय | जातिवाचक | भयभीत | गुणवाचक विशेषण |
पानी | द्रव्यवाचक | नीला | गुणवाचक विशेषण |
दूध | द्रव्यवाचक | दस लीटर | परिमाण वाचक (निश्चत) |
छात्र | जातिवाचक | चालीस | संख्यावाचक विशेषण |
लोग | समूहवाचक | कुछ | परिमाण वाचक (अनिश्चत) |
जमीन | जातिवाचक | दो गज | परिमाण वाचक (निश्चत) |
पानी | द्रव्यवाचक | वही | गुणवाचक विशेषण |
लड़का | जातिवाचक | यह | संकेतवाचक विशेषण |
२) उपर्युक्त संज्ञा-विशेषणों की जोड़ियों का स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
वाक्यों में प्रयोग
i) वह भयभीत गाय है।
ii) समुद्र में नीला पानी होता है।
iii) मिठाई बनाई के लिए दस लीटर दूध चाहिए।
iv) कक्षा में चालीस छात्र है।
v) कुछ लोग मेरी तरफ दौड़े।
vi) वह केवल दो गज जमीन है।
vii) यह तो वही पानी है।
viii) यह लड़का कौन है ?
३) पाठ में प्रयुक्त विशेषणें को ढूँढकर उनकी सूची बनाइए।
उत्तर :
पाठ में प्रयुक्त विशेषण – हरीतिमा, रेतीले, मँहगे, खूबसूरत, नीले, गहरा, लंबा इत्यादि है।
4) निम्नलिखित वाक्यों में आई हुई सहायक क्रियाओं को अधोरेखांकित कीजिए तथा उनका अर्थपूर्ण वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
१. टैक्सी एक पतली-सी सड़क पर दौड़ पड़ी।
वाक्य = सीता गिर पड़ी।
२. शरीर को कुछ समय के लिए विश्राम मिल जाता है।
वाक्य = राम जाता है।
३. हम आराम करने के इरादे से अपने-अपने स्यूट चले गए।
वाक्य = बच्चे अपने-अपने घर चले गए।
४. फिर भी धूप तीखी ही होती जाती है।
वाक्य = सीता स्कूल जाती है।
५. सबके बावजूद यह अपने में एक सांस्कृतिक विरासत भी समेटे हुए हैं।
वाक्य = स्थानीय लोक अपनी सांस्कृतिक परंपरा की उँगली अब भी पकड़े हूए हैं।
६. इधर बच्चे रेट का घर बनाने लगे।
वाक्य = हम आगे बढ़ने लगे।
७. अब समुद्र स्याह और भयावह दिखने लगा।
वाक्य = हमें वह स्थान डरावना लगा।
८. यहाँ सुबह-सुबह बड़ी मात्रा में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।
वाक्य = यहाँ बाइक आदि किराए पर मिल जाती है।
५) पाठ में प्रयुक्त दस सहायक क्रियाएँ छाँटकर लिखिए।
उत्तर :
पाठ में प्रयुक्त दस सहायक क्रियाएँ इस प्रकार है।
है, हैं, हो, थी, रहे, थे, रहती है, जाती है, रहे थे, रही थी।
उपयोजित लेखन
विजय/विजया मोहिते, वरदा सोसाइटी, विजयनगर, कोल्हापुर से व्यवस्थापक, औषधि भंडार, नागपुर को पत्र लिखकर आयुर्वेदिक औषधियों की माँग करता/करती है।
उत्तर :
