भारत महिमा स्वाध्याय

भारत महिमा स्वाध्याय

भारत महिमा स्वाध्याय इयत्ता दहावी हिंदी

सूचना के नुसार कृतियाँ कीजिए :-

1) निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए :

1. कहीं से हम आए थे नहीं –

उत्तर :

तात्पर्य यह है की भारत भूमि ही हमारी जन्मभूमि रही है| हम यही जन्में यहीं पले-बढ़े है हम इसी स्थान के ही है हम इसी स्थान के ही है कहीं और से नहीं से आए है हमारी जन्मभूमि एवं कर्म भूमि यही है|

2. वही हम दिव्य आर्य संतान –

उत्तर :

तात्पर्य है कि, हमारे शरीर में वही रक्त, साहस, ज्ञान, शांति, शक्ति, है एवं हम इसी देश के है जहाँ अलैकिक श्रेष्ठ पूज्यनीय रहते थे हम उन्ही दिव्य आर्य की संतति है|

2) उचित जोड़ियाँ मिलाइए :

उत्तर :

3) लिखिए :

उत्तर :

उत्तर :

4) प्रस्तुत कविता की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्तियों का भावार्थ लिखिए|

उत्तर :

पंसदीदा पंक्तियाँ इस प्रकार है|

विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम

भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया खिलाते घर -घर घूम |

भावार्थ – प्रस्तुत पक्तियों में कवि ने देश के गौरव शाली अतीत का सजीव वर्णन करते हुए कहते है कि, हमें हिंसा का त्याग करना चाहिये| विजय सिर्फ लोहे के शस्त्रों से प्राप्त नहीं की जा सकती, बल्कि विजय धर्म व अहिंसा के मार्ग पर चल कर भी प्राप्त की जा सकती है| यही वजह है कि पृथ्वी पर अधर्म की पराजय हुई और धर्म की विजय, कवि की दृष्टि में सम्राट गौतम बुद्ध जैसा अहिंसावादी दयावान सिर्फ भारत भूमि पर ही जन्म लेते है, जो रहा हो कर भी भिक्षु के रूप में घर – घर जा कर शालीनता, दीनता, दया, करुणा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते है|

5) निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण किजीए :

प्रश्न उत्तर
1. रचनाकार का नाम जयशंकर प्रसाद
2. रचना का प्रकार कविता
3. पंसदीदा पंक्ति वही हम दिव्य आर्य संतान
4. पंसदीदा होने का कारणपंसदीदा होने को कारण यह है की हम ऐसे स्थान या देश से हे जहां अलैगिक श्रेष्ठ पूज्यनीय रहते थे| जो साहस, ज्ञान, शांति व शक्ति का प्रतीक थे हम दिव्य आर्य उनकी संतान या संतति है|
5. रचना सें प्राप्त संदेश इस रचना से यह संदेश प्राप्त होता है कि हमारा देश अद्भूत अलैगिक, चमत्कारी रत्नो एवं संस्कृतियों से भरा हुआ है| इस देश पर हमें गर्व है और हम अत्यंत खुश है कि, हम इस देश के नागरिक है तथा समय आने पर हम अपने देश के लिए सबकुछ (प्राण तक) न्योछावर कर देंगे, हमें सदा अपने देश के लिए जीना चाहिए|

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