अतीत के पत्र स्वाध्याय
अतीत के पत्र स्वाध्याय इयत्ता नववी हिंदी

पठनीय
गांधीजी द्वारा लिखित ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ (आत्मकथा) पुस्तक का कोई अंश पढिए।
उत्तर :
गांधीजी की प्रसिद्ध आत्मकथा “सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा” में उन्होंने अपने जीवन के अनेक अनुभव बहुत सादगी और सच्चाई से बताए हैं। इस पुस्तक का एक प्रेरक अंश इस प्रकार है —
“सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उस तक पहुँचने का मार्ग है।
मैंने अपने जीवन में हर परिस्थिति में सत्य का पालन करने का प्रयत्न किया है।
जब भी मैं किसी कठिनाई में पड़ा, तो मैंने सत्य का सहारा लिया।
मुझे विश्वास है कि सत्य की विजय अवश्य होती है, चाहे समय लगे।”
इस अंश से यह स्पष्ट होता है कि गांधीजी का सम्पूर्ण जीवन सत्य, अहिंसा, और आत्मानुशासन पर आधारित था।
उन्होंने अपने हर कार्य में सत्य को सर्वोच्च माना और कभी झूठ या अन्याय का साथ नहीं दिया।
संभाषणीय
किसी महान विभूति के जीवन संबंधी कोई प्रेरक प्रसंग बताइए।
उत्तर :
प्रेरक प्रसंग – महात्मा गांधी जी के जीवन से
महात्मा गांधी जी के जीवन में अनेक प्रेरक प्रसंग हैं। एक बार की बात है – गांधी जी ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। ट्रेन चलने ही वाली थी कि उनका एक जूता प्लेटफ़ॉर्म पर गिर गया। वे तुरंत उसे उठाने नहीं उतर सके क्योंकि ट्रेन गति पकड़ चुकी थी। तभी उन्होंने बिना सोचे-समझे दूसरा जूता भी खिड़की से नीचे फेंक दिया।
किसी ने उनसे पूछा – “आपने दूसरा जूता क्यों फेंका?”
गांधी जी मुस्कुराए और बोले – “जिस व्यक्ति को पहला जूता मिलेगा, उसके किसी काम का नहीं रहेगा। अगर उसे दोनों जूते मिल जाएँगे, तो वह उनका उपयोग कर सकेगा।”
यह प्रसंग हमें सिखाता है कि गांधी जी न केवल त्यागी और सरल व्यक्ति थे, बल्कि हर परिस्थिति में दूसरों की भलाई और उपयोगिता के बारे में सोचते थे।
उनका जीवन हमें दयालुता, विवेक और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
लेखनीय
‘गांधी जयंती’ के अवसर पर आकर्षक कार्यक्रम पत्रिका तैयार कीजिए।
उत्तर :

मौलिक सृजन
‘मेरे सपनों का भारत’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत वह भारत होगा जहाँ हर व्यक्ति को समान अधिकार, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा मिलेगी। कोई भी गरीब, भूखा या बेरोजगार नहीं रहेगा। हर बच्चा विद्यालय जाएगा और बेटा-बेटी में कोई भेदभाव नहीं होगा। महिलाएँ समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकेंगी और हर क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी।
मेरे सपनों का भारत स्वच्छ और हरा-भरा होगा। सड़कों पर गंदगी नहीं होगी, नदियाँ प्रदूषणमुक्त होंगी और हर घर के आसपास पेड़-पौधे लगाए जाएँगे। बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी सुविधाएँ हर गाँव तक पहुँचेंगी। किसान आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अधिक उत्पादन करेंगे और उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा।
देश के युवा विज्ञान, तकनीक, खेल, कला और संस्कृति के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करेंगे। सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा गर्व से करेंगे और नागरिक अपने कर्तव्यों को निष्ठा से निभाएँगे।
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा जहाँ लोग एक-दूसरे का सम्मान करेंगे, सभी धर्मों और भाषाओं के लोग मिलजुलकर रहेंगे। वहाँ न कोई हिंसा होगी, न भ्रष्टाचार – केवल प्रेम, शांति और प्रगति होगी।
यह भारत “सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत” होगा – महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के आदर्शों पर चलता हुआ एक उज्ज्वल भारत।
आसपास
हमारी ऐतिहासिक स्मृतियाँ जगाने वाले स्थलों की जानकारी प्राप्त कीजिए और उनकर टिप्पणी बनाइए।
जैसे – आगाखान पैलेस पुणे
उत्तर :
आगाखान पैलेस पुणे शहर में स्थित एक अत्यंत प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है। इसका निर्माण सन १८९२ में सुल्तान मोहम्मद शाह आगाखान तृतीय ने करवाया था। यह स्थान भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है।
सन १९४२ में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के समय महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल तथा महादेव देसाई को ब्रिटिश सरकार ने यहीं पर नजरबंद किया था। इसी स्थान पर कस्तूरबा गांधी और महादेवभाई देसाई का निधन हुआ था।
आज आगाखान पैलेस को राष्ट्रीय स्मारक (National Memorial) घोषित किया गया है। यहाँ गांधीजी के जीवन से संबंधित कई चित्र, दस्तावेज़, पत्र और व्यक्तिगत वस्तुएँ सुरक्षित रखी गई हैं।
यह स्थान हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, बलिदान और देशप्रेम की याद दिलाता है।
यह सचमुच एक ऐसा स्थल है जो हमारी ऐतिहासिक स्मृतियों को जीवंत कर देता है और हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश की आज़ादी और संस्कृति का सम्मान करें।
पाठ के आँगन में
१) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
क) कार्य
स्वास्थ्य सुधार के लिए विनोबा जी द्वारा किए गए कार्य :-
१.
२.
३.
४.
उत्तर :
१. दस-बारह मील घूमना शुरू किया।
२. छह से आठ सेर अनाज पीसना चालू किया।
३. तीन सौ सूर्य नमस्कार किए।
४. आजन्म नमक और मसाले न खाने का व्रत लिया।
ख) उचित जोड़ियाँ मिलाइए :
| अ | आ |
|---|---|
| १. विद्यार्थी मंडल | योजना |
| २. राष्ट्रीय शिक्षा | व्रत |
| ३. विनोबा जी का साथ | संस्था |
| ४. ब्रह्मचर्य | आश्रम |
| सत्याग्रह |
उत्तर :
| अ | आ |
|---|---|
| १. विद्यार्थी मंडल | संस्था |
| २. राष्ट्रीय शिक्षा | योजना |
| ३. विनोबा जी का साथ | आश्रम |
| ४. ब्रह्मचर्य | व्रत |
ग) अर्थ लिखिए :-
१. ‘अपरिग्रह’ शब्द से तात्पर्य है कि …………………
उत्तर :
किसी भी वस्तु का संग्रह नहीं करना।
२. ‘रमता राम’ शब्द से तात्पर्य है कि …………………….
उत्तर :
एक स्थान पर नहीं टिकनेवाला।
२) ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है’ – इस पर स्वमत लिखिए।
उत्तर :
“स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है” – यह बहुत ही गहन और सत्य विचार है। यदि हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, तो हमारा मन भी प्रसन्न, शांत और एकाग्र रहता है। लेकिन जब शरीर बीमार या कमजोर होता है, तब मन भी उदास और अस्थिर हो जाता है। इसलिए जीवन में सफलता पाने के लिए शरीर और मन दोनों का स्वस्थ होना आवश्यक है।
स्वस्थ रहने के लिए हमें संतुलित भोजन करना चाहिए, रोज़ व्यायाम करना चाहिए, पर्याप्त नींद लेनी चाहिए और स्वच्छता का पालन करना चाहिए। स्वस्थ शरीर हमें कार्य करने की शक्ति देता है और मन को सकारात्मक बनाता है। जब शरीर में ऊर्जा होती है, तो मन उत्साहित रहता है और हर काम में आनंद आता है।
इसलिए कहा गया है – “स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।” यदि शरीर स्वस्थ रहेगा, तो मन, विचार और जीवन तीनों ही सुखी, सफल और समृद्ध बनेंगे।
भाषा बिंदु
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित करके लिखिए :-

उत्तर :
