उड़ान स्वाध्याय

उड़ान स्वाध्याय

उड़ान स्वाध्याय इयत्ता नववी हिंदी

पठनीय

‘दहेज’ जैसी सामाजिक समस्याओं की समझते हुए इसके संदर्भ में जनजागृति करने हेतु घोषवाक्यों का वाचन कीजिए।

उत्तर :

दहेज एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जो हमारे समाज में असमानता, लोभ और अन्याय को बढ़ाती है।
दहेज के कारण न जाने कितनी बेटियाँ दुख झेलती हैं।
इस बुराई को मिटाने के लिए हमें समाज में जनजागृति फैलानी चाहिए।
लोगों को यह समझाना चाहिए कि बेटी कोई बोझ नहीं, वह सम्मान और समान अधिकार की अधिकारी है।

दहेज प्रथा के खिलाफ जनजागरण के लिए कुछ प्रभावी घोषवाक्य इस प्रकार हैं

घोषवाक्य :

  1. दहेज लेना बंद करो, समाज में सम्मान बढ़ाओ।
  2. बेटी बोझ नहीं, सम्मान है – उसका मान बढ़ाओ।
  3. दहेज प्रथा को मिटाना है, नया समाज बनाना है।
  4. जो दहेज ले, उसका बहिष्कार करो।
  5. शादी प्यार का बंधन है, सौदेबाज़ी नहीं।
  6. शिक्षित बनो, दहेज प्रथा से दूर रहो।
  7. दहेज लेने वाला अपराधी है, देने वाला भी दोषी है।
  8. बेटी घर की शान है, दहेज मांगना अपमान है।

श्रवणीय

हिंदी-मराठी भाषा के प्रमुख गजलकारों की गजल रचना सुनिए और सुनाइए।

उत्तर :

मैंने हिंदी और मराठी भाषा के प्रमुख ग़ज़लकारों की कुछ प्रसिद्ध ग़ज़लें सुनीं।
हिंदी के प्रमुख ग़ज़लकारों में निदा फ़ाज़ली, गुलज़ार, मुनव्वर राना, और बशीर बद्र के नाम प्रमुख हैं।
मराठी में संदीप खरे, मंगेश पाडगांवकर, सुरेश भट जैसे प्रसिद्ध ग़ज़लकार हैं।

इनकी ग़ज़लों में जीवन की सच्चाई, भावनाएँ, प्रेम, विरह और मानवीय संवेदनाएँ बहुत सुंदर ढंग से व्यक्त की गई हैं।
ग़ज़लें सुनकर मन को एक अलग ही शांति और प्रेरणा मिलती है।
हर शेर में एक गहरी सोच और अनुभव झलकता है।

उदाहरण के रूप में कुछ प्रसिद्ध पंक्तियाँ :

निदा फ़ाज़ली की ग़ज़ल से –

“घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो यूँ कर लें,
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए।”

सुरेश भट (मराठी) की ग़ज़ल से –

“कविता मनातल्या वेदनेचा आवाज आहे,
ती दुःखातून उमललेली एक आस आहे।”

कल्पना पल्लवन

‘मैं चिड़िया बोल रही हूँ’ इस विषय पर स्वयंप्रेरणा से लेखन कीजिए।

उत्तर :

मैं एक चिड़िया हूँ – छोटी सी, पर मेरे पंखों में आज़ादी की शक्ति बसती है।
सुबह-सुबह मैं अपने घोंसले से निकलकर आसमान में उड़ती हूँ।
नीले आकाश की विशालता मुझे जीवन का अर्थ समझाती है –
“स्वतंत्रता सबसे बड़ी खुशी है।”

मैं पेड़ की डाल पर बैठकर मधुर गीत गाती हूँ,
जैसे प्रकृति को अपनी मीठी आवाज़ में धन्यवाद दे रही हूँ।
बच्चे मेरी चहचहाहट सुनकर मुस्कुराते हैं,
उनकी मुस्कान से मेरा मन और भी प्रफुल्लित हो उठता है।

लेकिन कभी-कभी मैं देखती हूँ कि लोग पेड़ काटते हैं,
हमारे घोंसले उजड़ जाते हैं, और हमें उड़ने के लिए जगह नहीं बचती।
फिर भी मैं आशा रखती हूँ कि इंसान समझेगा –
प्रकृति से प्रेम ही जीवन की सच्ची उड़ान है।

मैं चिड़िया हूँ –
उड़ना मेरी आदत है, गाना मेरा स्वभाव है,
और प्रेम बाँटना मेरा धर्म है।
जब तक आसमान है, मैं उड़ती रहूँगी,
क्योंकि मैं स्वतंत्रता और जीवन की प्रतीक हूँ।

आसपास

अंतरजाल की सहायता लेकर कोई कविता पढिए और निम्न मुद्दों के आधार पर आशय स्पष्ट कीजिए :-

उत्तर :

कविता : “अगर छोटा सा दीप जले”

कवि का नाम: हरिवंश राय बच्चन

कविता का विषय:
इस कविता का विषय है – कठिन परिस्थितियों में भी आशा, विश्वास और प्रयास बनाए रखना।

केंद्रीय भाव:
कवि यह कहना चाहते हैं कि अंधकार चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो,
एक छोटा सा दीपक भी प्रकाश फैला सकता है।
यदि हर व्यक्ति अपने भीतर की अच्छाई और सकारात्मकता को जलाए रखे,
तो संसार से अंधकार मिट सकता है।

कविता का संदेश:
कविता हमें यह प्रेरणा देती है कि कभी हार न मानें,
छोटी-छोटी कोशिशें भी बड़े परिवर्तन ला सकती हैं।
हर व्यक्ति में समाज को रोशन करने की शक्ति होती है।

पाठ के आँगन में

१) सूचना के अनुसार कृति पूर्ण कीजिए लिखिए :-

सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए :

क) परों में शक्ति हो तो ……………………

१. उपलब्ध नभ को नापना है।

२. उपलब्ध जल को नापना है।

३. भू को नापना है।

उत्तर :

परों में शक्ति हो तो उपलब्ध जल को नापना है।

ख) सुलगते आप, बाहर से

१. तपन नहीं माँगा करते।

२. अगन नहीं माँगा करते।

३. बुझन नहीं माँगा करते।

उत्तर :

सुलगते आप, बाहर से अगन नहीं माँगा करते।

ग) संजाल

उत्तर :

२) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का सरल भावार्थ लिखिए :-

अँधेरे के इलाके में …………….. नमन माँगा नहीं करते।

उत्तर :

जहाँ चारों तरफ अँधेरा हो वहाँ रोशनी की उम्मीद करना बेकार होता है। जिस बगिया अथवा वन में सिर्फ काँटे हो वहाँ फूल नहीं माँगा करते हैं।

३) कविता द्वारा दिया गया संदेश अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :

कविता में परोपकार, आत्मनिर्भरता, विनम्रता, स्वाभिमान, मेहनत जैसे कोई मानवीय गुणों के बारे में बताया गया है। जीवन संघर्षों से भरा हो फिर भी हार नहीं माननी चाहिए। अपनी मंजिल को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। जरूरत के समय एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए।

४) कविता में प्रयुक्त विरामचिह्नों के नाम लिखकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर :

१. अल्प विराम (,)

वाक्य : राजू, अरुण, विजय और मोहन घूमने के लिए दिल्ली गए।

२. पूर्ण विराम (। )

वाक्य : स्वतंत्रता हर इंसान का जन्मसिद्ध अधिकार है।

३. योजक चिह्न (-)

वाक्य : पुत्र के लिए माता-पिता की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है।

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