मेरा विद्रोह स्वाध्याय
मेरा विद्रोह स्वाध्याय इयत्ता आठवी हिंदी

मौलिक सृजन
अपने जीवन में पिता की महत्त्वपूर्ण भूमिका को अधोरेखित करते हुए कृतज्ञता ज्ञापन करने वाले पत्र लिखो।
उत्तर :
प्रिय पिताजी,
सादर नमस्कार।
आशा है कि आप स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। आज मैं यह पत्र आपको अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूँ। मेरे जीवन में आपकी भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रही है। आपने हमेशा मुझे सही मार्ग दिखाया, हर कठिन परिस्थिति में मेरा साथ दिया और मुझे सच्चाई, मेहनत तथा अनुशासन का मूल्य सिखाया।
आपके परिश्रम, त्याग और स्नेह के कारण ही आज मैं अपने जीवन में आगे बढ़ पा रहा हूँ। आपने मुझे कभी किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं होने दी। आपके मार्गदर्शन से मैंने जीवन में धैर्य और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना सीखा है।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि आप सदैव स्वस्थ रहें और मुझ पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें। मैं हमेशा आपके आदर्शों पर चलने का प्रयास करूँगा।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
राजू कुमार
श्रवणीय
रेडियो, दूरदर्शन, यू ट्यूब से शौर्य कथा/गीत सुनो और सुनाओ।
उत्तर :
रेडियो, दूरदर्शन और यूट्यूब जैसे माध्यमों से हमें अनेक शौर्य कथाएँ और देशभक्ति गीत सुनने को मिलते हैं, जो हमारे मन में राष्ट्रप्रेम और वीरता की भावना जागृत करते हैं। इन कथाओं में हमारे वीर सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रनायकों के साहस व बलिदान की झलक दिखाई देती है।
उदाहरण के लिए, कैप्टन विक्रम बत्रा, मेजर ध्यानचंद, रानी लक्ष्मीबाई, और शहीद भगत सिंह जैसी विभूतियों की कहानियाँ हमें देश के लिए समर्पण का प्रेरणादायी संदेश देती हैं। यूट्यूब पर “ए मेरे वतन के लोगों”, “संदेसे आते हैं”, और “भारत हमको जान से प्यारा है” जैसे गीत सुनकर मन गर्व और उत्साह से भर जाता है।
इन गीतों और कथाओं से हमें यह समझ में आता है कि देश की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। हमें भी अपने देश के प्रति निष्ठा, साहस और सम्मान की भावना बनाए रखनी चाहिए।
संभाषणीय
‘भारत की संपर्क भाषा हिंदी है’, इस कथन पर विचार करते हुए अपना मत प्रस्तुत करो।
उत्तर :
“भारत की संपर्क भाषा हिंदी है” – यह कथन पूर्णतः सत्य है, क्योंकि हिंदी वह भाषा है जो देश के विभिन्न राज्यों, संस्कृतियों और भाषाओं को एक सूत्र में बाँधती है। भारत जैसे बहुभाषी देश में हिंदी सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। यह उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक लोगों के बीच संचार का माध्यम बनती है।
हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि एकता, भावनाओं और संस्कृति का प्रतीक है। सरकारी कामकाज, शिक्षा, साहित्य, फिल्म, और मीडिया में इसका व्यापक उपयोग होता है। जब कोई व्यक्ति भारत के किसी भी कोने में जाता है, तो हिंदी के माध्यम से संवाद स्थापित कर पाता है।
इसलिए कहा जा सकता है कि हिंदी भारत की “संपर्क भाषा” है, जो हमारे देश की एकता और अखंडता को मजबूत बनाती है। हमें गर्व होना चाहिए कि हमारे पास इतनी समृद्ध और सुंदर भाषा है।
पठनीय
किसी अंतरिक्ष यात्री की अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव पढ़ो और चर्चा करो।
उत्तर :
अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव बहुत रोमांचक और प्रेरणादायक होता है। अंतरिक्ष यात्री जब पृथ्वी से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में पहुँचता है, तो उसे वहाँ का दृश्य अद्भुत और अविश्वसनीय लगता है। पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखने पर वह एक नीले गोले के रूप में दिखाई देती है – सुंदर, शांत और सीमाओं से परे।
अंतरिक्ष में भारहीनता का अनुभव सबसे अनोखा होता है। वस्तुएँ हवा में तैरती हैं, खाना और पानी लेना भी कठिन हो जाता है। अंतरिक्ष यात्री विशेष प्रशिक्षण के कारण इन परिस्थितियों में काम करना सीखते हैं। वे अंतरिक्ष यान में वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं और नई जानकारियाँ जुटाते हैं, जो मानव जीवन के लिए बहुत उपयोगी होती हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों का कहना है कि यह अनुभव उन्हें यह सिखाता है कि पृथ्वी हमारी एकमात्र और अनमोल धरोहर है, जिसकी रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
चर्चा के लिए मुद्दे:
- अंतरिक्ष में भारहीनता का अनुभव कैसा होता होगा?
- अंतरिक्ष यात्रियों को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?
- पृथ्वी की सुंदरता देखकर उनके मन में क्या भाव आते होंगे?
- हम अंतरिक्ष यात्रियों से क्या सीख सकते हैं?
लेखनीय
निम्नलिखित जगहों पर जाना हो तो तुम्हारा संपर्क किस भाषा से होगा लिखो :
| चंडीगढ़ | ———- |
| अहमदाबाद | ———- |
| पुरी | ———- |
| रामेश्वरम | ———- |
| श्रीनगर | ———- |
| पेरिस | ———- |
| टोकियो | ———- |
| ब्राजिल | ———- |
| बीजिंग | ———- |
| इजराइल | ———- |
उत्तर :
| चंडीगढ़ | पंजाबी |
| अहमदाबाद | गुजराती |
| पुरी | उडिया |
| रामेश्वरम | तमिल |
| श्रीनगर | कश्मीरी |
| पेरिस | फ्रेंच |
| टोकियो | जापानी |
| ब्राजिल | पुर्तगाली |
| बीजिंग | चीनी |
| इजराइल | हिब्रू |
सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-
१) एक शब्द में उत्तर लिखो :
१. बेटे की मातृभाषा :
उत्तर :
हिंदी
२. बेटे की शिक्षा की माध्यम भाषा :
उत्तर :
अंग्रेजी
२) संक्षेप में लिखो :
१. रमन के ‘जन्मदिन’ पर न जाने देने के बाद लड़के द्वारा किया गया विद्रोह :
उत्तर :
लड़के ने जोर-जोर से लड़का, जिद मचाना और रोना-चिल्लाना शुरू कर दिया।
२. नुक्कड़ की दुकान से घर लौटने पर बेटे द्वारा देखा दृश्य :
उत्तर :
पिता जी गलियारे में खड़े-खड़े दीवार से कोहनियाँ टिकाए निश्शब्द कातर रो रहे थे।
३) कारण लिखो :
१. अंग्रेजियत वाले परिवारों के बच्चों का दबदबा रहता था –
उत्तर :
अंग्रेजियत वाले परिवारों के बच्चे छोटी उम्र में ही धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते थे इसलिए शिक्षिकाएँ उन पर शाबाशी ते टोकरे उछालती थीं। इसी कारण कक्षा में उन बच्चों का दबदबा रहता था।
२. पिता जी झल्ला पड़ते थे –
उत्तर :
लड़का कभी डोनेशन या सालाना जलसे आदि के लिए चंदे वगैरह की छपी पर्चियाँ लाता तो पिता जी झल्ला पड़ते थे।
३. लड़के की माँ उसे पढ़ा नहीं पाती थी –
उत्तर :
लड़के की माँ को हिंदी आती थी और लड़के का स्कूल अंग्रेजी माध्यम का था। इसी वजह से माँ लड़के को पढ़ा नहीं पाती थीं।
४) ऐसे प्रश्न बनाओ जिनके उत्तर निम्न शब्द हों :
साइकिल, बेसब्री, छपी पर्चियाँ, पारावार
उत्तर :
साइकिल – लेखक ने अपने विद्यालय जाने के लिए कौन-से वाहन का उपयोग किया ?
बेसब्री – परीक्षा के परिणाम आने से पहले विद्यार्थियों के मन में कैसी भावना थी ?
छपी पर्चियाँ – चुनाव प्रचार के समय उम्मीदवारों ने जनता में क्या बाँटा ?
पारावार – समुद्र की लहरों का कोई ________ नहीं होता।
५) संजाल पूर्ण करो :

उत्तर :

भाषा बिंदु
पाठों में आए हुए उपसर्ग और प्रत्ययवाले शब्द ढूँढो तथा उनके उपसर्ग/प्रत्यय अलग करके मूल शब्द लिखो।
उत्तर :
| शब्द | उपसर्ग | मूल शब्द |
|---|---|---|
| १) निरुतर | निर् | उत्तर |
| २) अतिरिक्त | अति | रिक्त |
| ३) अविवेकी | अ | विवेकी |
| ४) सर्वप्रथम | सर्व | प्रथम |
| ५) प्रशासन | प्र | शासन |
| ६) अवशेष | अव | शेष |
| शब्द | मूल शब्द | प्रत्यय |
|---|---|---|
| १) बुद्धिमानी | बुद्धि | मानी |
| २) राष्ट्रीय | राष्ट्र | ईय |
| ३) ईमानदार | ईमान | दार |
| ४) विचारशील | विचार | शील |
| ५) तन्मयता | तन्मय | ता |
| ६) महत्त्वपूर्ण | महत्त | पूर्ण |
उपयोजित लेखन
निम्न मुद्दों के आधार पर विज्ञापन लिखो :
स्थल/जगह, संपर्क, पुस्तक मेला, दिनांक, समय
उत्तर :

स्वयं अध्ययन
अब्राहम लिंकन द्वारा प्रधानाध्यापक को लिखे हुए पत्र का चार्ट बनाकर कक्षा में लगाओ।
उत्तर :
प्रिय प्रधानाध्यापक,
मैंने सुना है कि आप स्कूल में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं, और मैं इसे दिल से सराहता हूँ। मुझे यह विश्वास है कि कोई भी राष्ट्र अपने बच्चों को जितनी अच्छी शिक्षा देता है, वह उतना ही मजबूत बनता है। हम सभी जानते हैं कि शिक्षा ही समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।
मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि आप जो भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, वे केवल अस्थायी हैं। असली सफलता उन पर निर्भर करती है जो लगातार अपने उद्देश्य की ओर बढ़ते रहते हैं।
हमारे बच्चों का भविष्य आपके हाथों में है, और मैं जानता हूँ की आप उन्हें एक बेहतर भविष्य देने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे।
आपके स्कूल में छात्रों को जो शिक्षा दी जा रही है, वह न केवल उनके जीवन को आकार देगी, बल्कि राष्ट्र को भी प्रगति की दिशा में अग्रसर करेगी। मैं आपके कार्यों को पूरे दिल से समर्थन देता हूँ और आशा करता हूँ की आप निरंतर सफलता की ओर बढ़ते रहेंगे।
आपका,
अब्राहन लिंकन