निसर्ग वैभव स्वाध्याय
निसर्ग वैभव स्वाध्याय इयत्ता नववी हिंदी

संभाषणीय
किसी विषय पर स्वयं स्फूर्त भाषण दीजिए :-
कृति के लिए आवश्यक सोपान :
दस-पंद्रह भिन्न विषयों की चिट बनाइए
विद्यार्थियों को चिट पर लिखित विषय पर विचार करने के लिए कुछ समय दे।
उस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कहें।
उत्तर :
चिट पर लिखे गए भाषण के संभावित विषय :
- जल ही जीवन है
- स्वच्छ भारत अभियान
- मोबाइल का बढ़ता उपयोग
- पर्यावरण संरक्षण
- महिला सशक्तिकरण
- समय का सदुपयोग
- मेहनत का महत्व
- शिक्षा का महत्व
- खेलों का जीवन में स्थान
- पुस्तकें — हमारी सच्ची मित्र
- नशा मुक्ति अभियान
- आत्मनिर्भर भारत
- यातायात नियमों का पालन
- डिजिटल भारत
- सम्मान और संस्कार
उदाहरण भाषण विषय : “जल ही जीवन है”
सुप्रभात सभी को,
आज मैं “जल ही जीवन है” इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।
पृथ्वी पर सभी जीवों के जीवन का आधार जल है। बिना जल के जीवन की कल्पना भी असंभव है। लेकिन आज हम मनुष्य अपनी आवश्यकताओं के साथ-साथ जल का अत्यधिक दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे नदियाँ, तालाब और भूमिगत जलस्रोत सूखते जा रहे हैं।
हमें यह समझना होगा कि जल की एक-एक बूँद हमारे भविष्य के लिए अनमोल है। हमें वर्षा के जल को संचित करना चाहिए, नल खुला न छोड़ना चाहिए और पेड़-पौधों को अधिक से अधिक लगाना चाहिए, क्योंकि पेड़ वर्षा लाने में सहायक होते हैं।
आइए, हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि –
“जल बचाएँ, जीवन बचाएँ।”
धन्यवाद!
पठनीय
निम्न शब्द पढिए। शब्द पढ़ने के बाद जो भाव आपके मन में आते हैं वे कक्षा में सुनाइए।
नदी, पर्वत, वृक्ष, चाँद
उत्तर :
नदी – नदी को देखकर मेरे मन में शांति और जीवन का प्रवाह महसूस होता है। वह हमें निरंतर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती है।
पर्वत – पर्वत देखकर दृढ़ता और स्थिरता का भाव आता है। वह हमें बताता है कि कठिन परिस्थितियों में भी अडिग रहना चाहिए।
वृक्ष – वृक्ष देखकर दया, सेवा और उदारता का भाव उत्पन्न होता है, क्योंकि वह बिना स्वार्थ सबको छाया और फल देता है।
चाँद – चाँद देखकर मन में शीतलता और सुंदरता का एहसास होता है। वह अंधेरी रात में उजाला फैलाकर आशा का प्रतीक बनता है।
कल्पना पल्लवन
किसी कार्यालय में नौकरी पाने हेतु साक्षात्कार देने वाले और लेने वाले व्यक्तियों के बीच होने वाला संवाद लिखिए।
उत्तर :
साक्षात्कारकर्ता (इंटरव्यू लेने वाला): नमस्ते! कृपया बैठिए। आपका नाम क्या है?
उम्मीदवार (इंटरव्यू देने वाला): नमस्ते सर, मेरा नाम राहुल शर्मा है।
साक्षात्कारकर्ता: अच्छा राहुल, आपने अपनी पढ़ाई कहाँ से पूरी की है?
उम्मीदवार: सर, मैंने दसवीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है और वर्तमान में बारहवीं की पढ़ाई कर रहा हूँ।
साक्षात्कारकर्ता: बहुत अच्छा। आप इस नौकरी के लिए उपयुक्त क्यों समझते हैं?
उम्मीदवार: सर, मुझे ईमानदारी से काम करना पसंद है। मैं समय का पाबंद और जिम्मेदार व्यक्ति हूँ। मैं टीम के साथ मिलकर काम करने में विश्वास रखता हूँ।
साक्षात्कारकर्ता: अच्छा, यदि आपको यह नौकरी मिल जाती है, तो आप क्या करेंगे?
उम्मीदवार: सर, मैं पूरे मन से काम करूँगा और संस्था की प्रगति में अपना योगदान दूँगा।
साक्षात्कारकर्ता: बहुत बढ़िया, धन्यवाद राहुल। हम आपको शीघ्र ही परिणाम की सूचना देंगे।
उम्मीदवार: धन्यवाद सर, आपका दिन शुभ हो।
पाठ के आँगन में
१) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
क) संजाल :

उत्तर :

ख) कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तख्ता पूर्ण कीजिए :
१) परिचित मरकत आँगन में
२) अभिशापित हो उसका जीवन ?
३) अनिल स्पर्श से पुलकित तृणदल
४) निश्चल तरंग-सी स्तंभित

उत्तर :

२) कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए।
उत्तर :
कविता में हमे यह संदेश मिलता है कि मनुष्य को अपने व्यवहार का विश्लेषण करना चाहिए कि क्यों वह सदैव चिंताग्रस्त रहता है। संघर्षरत रहता है। मनुष्य इस सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। उसे ईश्वर ने बुद्धि दी है, कल्पना और तर्कशक्ति दी है। उसे अपनी इन्हीं विशेषताओं के प्रयोग से कंदराओं और जंगलों में रहने वाला मनुष्य आज न केवल चाँद पर पहुँच गया है, बल्कि मंगल ग्रह पर बसने की तैयारी कर रहा है। ऐसा मनुष्य क्यों दुखी है ? मनुष्य को अपना अहंकार छोड़कर वसुधैव कुटुंबकम की भावना अपनानी चाहिए।
३) कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए।
उत्तर :
रंग-बिरंगे फूल आँखों को शीतलता प्रदान करते हैं। मधु से भरी हुई कलियों का रस भौंरों का दल पीता है, तितलियाँ उनपर मँडराती हैं। दूर कहीं वन में किसी पेड़ पर बैठी कोयल नवांकुरित पत्तियों की छाया में अपने सुरीले कंठ से रुक-रुककर मधुर गीत सुनाती है।
श्रवणीय
नीरज जी द्वारा लिखित कोई कविता यू ट्यूब पर सुनिए और उसके केंद्रीय भाव पर चर्चा कीजिए।
उत्तर :
मैंने यूट्यूब पर प्रसिद्ध कवि गोपालदास ‘नीरज’ जी की कविता “कारवाँ गुज़र गया, गुबार देखते रहे” सुनी।
यह कविता नीरज जी की सबसे प्रसिद्ध और प्रेरणादायक रचनाओं में से एक है।
इस कविता में कवि ने जीवन के अनुभवों, समय के बीतने और मनुष्य की निष्क्रियता पर गहरा चिंतन किया है।
कवि कहता है कि जीवन एक कारवाँ की तरह चलता रहता है। इसमें अनेक अवसर, अनुभव और लोग मिलते हैं, परंतु जो व्यक्ति इन अवसरों को पहचान नहीं पाता या निर्णय लेने में देर कर देता है, वह पीछे छूट जाता है।
कवि यह भी कहता है कि हमें अतीत में अटके रहकर केवल “गुबार देखने” की बजाय आगे बढ़कर नए अवसरों को अपनाना चाहिए।
यह कविता हमें समय की महत्ता, कर्मशीलता, और सकारात्मक सोच का संदेश देती है।
नीरज जी की लेखनी में भावनाओं की सादगी और दर्शन की गहराई दोनों दिखाई देती हैं।
उनकी कविता यह सिखाती है कि –
“जीवन में ठहराव नहीं, निरंतर आगे बढ़ते रहना ही सफलता का मार्ग है।”
कविता का सारांश:
- समय किसी के लिए नहीं रुकता।
- जो बीत गया, उसे रोकर नहीं पाया जा सकता।
- हमें वर्तमान में जीना चाहिए।
- मेहनत, लगन और आशा से जीवन को सुंदर बनाया जा सकता है।
भाषा बिंदु
निम्नलिखित मुहावरे/कहावतों में से अनुपयुक्त शब्द काटकर उपयुक्त शब्द लिखिए :

उत्तर :
