मधुबन स्वाध्याय

मधुबन स्वाध्याय

मधुबन स्वाध्याय इयत्ता आठवी हिंदी

मौलिक सृजन

‘कहानियों/कविताओं द्वारा मनोरंजन तथा ज्ञान प्राप्ति होती है,’ इसपर अपने मत लिखो।

उत्तर :

कविताएँ और कहानियाँ एक ओर जहाँ पाठक और श्रोताओं का मनोरंजन करती हैं, दुसरी ओर ये ज्ञान-प्राप्ति का साधन भी हैं। कविताएँ हमारे मनोभावों को अभिव्यक्ति देती हैं। कवि और लेखक अपनी रचनाओं के विषय अपने आसपास के वातावरण से ही चुनते हैं। अत: इनके लेखन से हम समाज में होने वाले परिवर्तनों से परिचित होते रहते हैं। कहा जाता है कि साहित्य समाज का दर्पण है। अगर हम किसी काल विशेष के बारे में जानना चाहते हैं, तो तत्कालीन साहित्य उसका सर्वोत्तम स्त्रोत है। कवितों और लेखकों की कलम में अद्भुत शक्ति होती है। मध्यकाल में कबीर, रहीम, रैदास, गुरु नानक, सूरदास, तुलसीदास, मीरा आदि अनेक संतों और सुधारकों ने समाज सुधार के लिए कविता के माध्यम से ही अपने विचारों का प्रचार किया। इतिहास साक्षी है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अनेक लेखकों और कवियों ने विदेशी सत्ता के विरोध में जनमानस तैयार करने में बड़ा योगदान दिया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कविताएँ और कहानियाँ मनोरंजन के साथ-साथ हमारा ज्ञानवर्धन भी करती हैं।

लेखनीय

साक्षात्कार लेने के लिए किन-किन प्रश्नवाचक शब्दों का प्रयोग हो सकता है, सूची तैयार करो। प्रत्येक शब्द से एक-एक प्रश्न बनाकर लिखो।

उत्तर :

i) कुछ – आप अपने माता-पिता व बचपन के बारे में कुछ बताएँ ?

ii) क्या – आपके छात्र जीवन में क्या-क्या अभिरुचियाँ थीं ?

iii) क्यों – आपको कविताएँ लिखना सबसे ज्यादा क्यों पसंद है ?

iv) किसे – आप किसे अपना आदर्श मानते हैं ?

v) कौन-सी – आपकी पसंदीदा रचना कौन-सी है ?

vi) किस – किस घटना ने आपके जीवन को बहुत प्रभावित किया ?

पठनीय

द्विभाषी शब्दकोश पढ़कर उसके आधार पर किसी एक पाठ का द्विभाषी शब्दकोश बनाओ।

उत्तर :

भाषाकोश एक भाषा का हो सकता है और एक से अधिक भाषाओं के भी। एक भाषा वाले कोश को एकभाषी कोश कहते हैं, जैसे- हिंदी-हिंदी या अंग्रेजी-अंग्रेजी शब्द कोश। इसी तरह द्विभाषी कोश होता है जिसमें दो भाषाए होती हैं, जैसे- हिंदी-अंग्रेजी या अंग्रेजी-हिंदी शब्द कोश।

हम इसी पाठ का हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी शब्दकोश की सहायता से शब्दकोश तैयार करते हैं।

निकट – Close

उत्तर – Answer

घंटी – Bell

दिमाग – Mind

उत्सव – Festival

समय – Time

प्रवेश – Entry

पहला – First

मुलाकात – Interview

सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-

१) संजाल पूर्ण करो :

उत्तर :

२) कारण लिखो :

१. डॉक्टर साहब का राजनीति से दूर रहने का कारण –

उत्तर :

डॉक्टर साहब को राजनीति में कोई रुचि नहीं थी। वे साहित्य चिंतन में विश्वास रखते थे।

२. डॉक्टर साहब का मध्यप्रदेश से उत्तर प्रदेश आने के लिए प्रेरित होने का कारण –

उत्तर :

डॉक्टर साहब का मध्यप्रदेश से उत्तर प्रदेश आने के लिए प्रेरित हुए क्योंकि नागपुर विश्वविद्यालय में हिंदी विषय नहीं था।

३) कृति करो :

उत्तर :

४) कृति पूर्ण करो :

उत्तर :

भाषा बिंदु

निम्न शब्दों से कृदंत/तद्धित बनाओ :

मिलना, ठहरना, इनसान, शौक, देना, कहना, भाव, बैठना, घर, धन

उत्तर :

i) मिलना – मिलन

ii) ठहरना – ठहराव

iii) इनसान – इनसानियत

iv) शौक – शौकीन

v) देना – देने वाला

vi) कहना – कहने वाला

vii) भाव – भावना

viii) बैठना – बैठक

ix) घर – घरेलू

x) धन – धनी

उपयोजित लेखन

अपने विद्यालय में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह का प्रमुख मुद्दों सहित वृत्तांत लेखक करो।

उत्तर :

विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह

२६ जनवरी २०२५ को ज्योतिबा फुले विद्यालय, नागपुर में एक विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस प्रदर्शनी का आयोजन अंतरविद्यालय स्तर पर तीन दिनों के लिए किया गया था। विद्यालय के प्रवेश द्वार को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था। विद्यालय में उत्सव जैसा माहौल था। विद्यालय के बीस कक्षों में विज्ञान से संबंधित वस्तुएँ, प्रसिद्ध विज्ञानिकों के चित्र तथा अनेक वर्किंग मॉडल सजे थे। प्रदर्शनी का उद्घाटन नागपुर विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर विपिन आचार्य के द्वारा किया गया। सर्वप्रथम विद्यालय के कप्तान पल्लव भालेराव ने पुष्पहार पहनाकर उनका स्वागत किया। तदुपरांत विद्यालय के प्राचार्य श्री सलिल मोहिते ने डॉक्टर आचार्य का स्वागत करते हुए विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान का उल्लेख किया। डॉक्टर आचार्य ने प्रथम कक्ष का रिबन काटकर प्रदर्शनी का विविधत उद्घाटन किया। प्राचार्य जी तथा विज्ञान विभाग की अध्यक्षा श्रीमती नीता अवस्थी ने डॉक्टर आचार्य को प्रदर्शनी का एक-एक कक्ष दिखावा। प्रदर्शनी देखकर डॉक्टर आचार्य बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने सभी के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

स्वयं अध्ययन

अंतरजाल से डॉ. रामकुमार वर्मा जी से संबंधित अन्य साहित्यिक जानकारियाँ प्राप्त करो।

उत्तर :

डॉ. रामकुमार वर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य में एकाकी सम्राट रुप में जाने जाते है। यह हिंदी भाषा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, व्यंग्यकार और हास्य कवि के रुप में जाने जाते हैं। अपने जीवन के अनुभवों से नाटकों की विषय तैयार की तथा अनेक रचनाओं को लिपिबद्ध किया।

इनकी प्रमुख रचनाओं में पृथ्वीराज की आँखे, रेशमी टाई, चारुमित्रा, दीपदान, अभिशाप, एकलव्य, हिमालय, कबीर का रहस्यवाद, चित्ररेखा, उत्तरायण आदि का समावेश है। १९३० में रचित बादल की मृत्यु इनकी पहली एकांकी नाटको की सृष्टि की। कभी कवि तो कभी एकांकीकार, कभी नाटककार तो कभी आलोचक, तो कभी साहित्य के इतिहास लेखक के रुप में इन्होंने हिंदी साहित्य को अपनी कृतियों से चमत्कृत किया है।

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