मेरा अहोभाग्य स्वाध्याय
मेरा अहोभाग्य स्वाध्याय इयत्ता सहावी हिंदी

नाम तुम्हारे
चित्र देखकर उचित सर्वनाम में लिखो : (तू, मैं, वह, यह, क्या, जैसा-वैसा, अपने-आप)

उत्तर :

अध्ययन कौशल
पाठ्यपुस्तक में आए हुए कठिन शब्दों के अर्थ वर्णक्रमानुसार शब्दकोश में देखो।
उत्तर :
उल्लसित – आनंदित
अहोभाग्य – सौभाग्य
वार्तालाप – बातचीत
बेसब्री – अधीरता, आतुरता
सघन – घना
संस्मरण – स्मरणीय घटना
उपवन – उद्यान
जरा सोचो …………… बताओ
यदि मैं पुस्तक होता/होती तो ………
उत्तर :
यदि मैं पुस्तक होता तो हर किसी को ज्ञान बाँटता। मैं बच्चों के स्कूल बैग में होता, उनके साथ कक्षा में जाता और उन्हें नई-नई बातें सिखाता। कोई मुझे पढ़कर हँसता, कोई कुछ सीखता और कोई अपनी कल्पनाओं की उड़ान भरता।
मैं चाहूँगा कि मुझे कोई अलमारी में बंद न करे, बल्कि हर कोई मुझे पढ़े, समझे और अपनाए। मैं कहानी, कविता, विज्ञान या इतिहास – किसी भी रूप में सबके लिए उपयोगी बनता। मैं हर घर, हर स्कूल और हर लाइब्रेरी की शान होता।
भाषा की ओर
निम्नलिखित शब्दों के लिंग और वचन बदलकर लिखो।

उत्तर :

सुनो तो जरा।
दैनिक समाचार सुनो और मुख्य समाचार को फलक पर लिखकर परिपाठ में सुनाओ।
उत्तर :
दिनांक: 12 जुलाई 2025
स्थान: विद्यालय प्रांगण
मुख्य समाचार :
- देश के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने स्कूलों को सतर्क रहने की सलाह दी।
- सीबीएसई द्वारा “राष्ट्रीय रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता” की घोषणा, सभी विद्यालयों को भाग लेने का निमंत्रण।
- भारत ने श्रीलंका को दूसरे एकदिवसीय मैच में 6 विकेट से हराया, शुभमन गिल बने मैन ऑफ द मैच।
- इसरो ने सफलतापूर्वक ‘चंद्रयान-4’ का प्रक्षेपण किया, भारत ने फिर रचा इतिहास।
- हमारे विद्यालय में इस सप्ताह “स्वच्छता सप्ताह” मनाया जाएगा – सभी छात्र इसमें भाग लें।
फलक (ब्लैकबोर्ड/नोटिस बोर्ड) पर लिखने हेतु:
मुख्य समाचार – आज का परिपाठ
मौसम विभाग का अलर्ट – भारी बारिश
विद्यालयों के लिए नई रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता
भारत ने श्रीलंका को हराया
इसरो का चंद्रयान-4 सफल
स्वच्छता सप्ताह की घोषणा
बताओ तो सही
अपने मनपसंद व्यक्ति का साक्षात्कार लेने हेतु कोई पाँच प्रश्न बनाकर बताओ।
उत्तर :
मेरा मनपसंद व्यक्ति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम हैं। यदि मुझे उनका साक्षात्कार लेने का अवसर मिले, तो मैं उनसे ये पाँच प्रश्न पूछना चाहूँगा:
आपको विज्ञान और अंतरिक्ष में रुचि कैसे हुई ?
आप अपने विद्यार्थी जीवन में कैसे पढ़ाई करते थे ?
आपके जीवन का सबसे प्रेरणादायक अनुभव कौन-सा रहा ?
आप बच्चों को कौन-सी सबसे बड़ी सीख देना चाहेंगे ?
आपको भारत का राष्ट्रपति बनने पर कैसा महसूस हुआ था ?
वाचन जगत से
संत तुकाराम के अभंग पढ़ो और गाओ।
उत्तर :
तुज मागतो मी आता
तुचि देवा ।।
एक नेव माझा ठेविलास पोटी
तोचि उद्धरावा संकटावाटी ।।
तुका म्हणे आता कळस प्राप्तिला
तुजवीण देवा नाही मजला ।।
मेरी कलम से
अपने परिवार से संबंधित कोई संस्मरण लिखो।
उत्तर :
यह बात गर्मी की छुट्टियों की है। एक दिन मम्मी ने कहा – “आज तुम हमारी मदद करोगे रसोई में।” मैं हैरान भी था और खुश भी। मम्मी ने मुझे चाय बनाना सिखाया। मैंने दूध उबाला, पत्ती डाली, चीनी मिलाई और धीरे-धीरे चाय तैयार की।
जब मैंने सबको चाय पिलाई, तो पापा बोले, “वाह! हमारी बिटिया तो अच्छी शेफ बन गई!” यह सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। वह दिन मेरे लिए बहुत खास था, क्योंकि पहली बार मैंने अपने हाथों से कुछ बनाया और सबको पसंद आया।
अब मैं छुट्टियों में कभी-कभी रसोई में मम्मी की मदद करता हूँ। उस दिन की यादें आज भी मेरे दिल में ताज़ा हैं।
एक वाक्य में उत्तर लिखो :
१. साहित्यिक कार्यक्रम कहाँ होने वाला था ?
उत्तर :
साहित्यिक कार्यक्रम शांति निकेतन में होने वाला था।
२. गुरुदेव की कहानियों में किसकी मनोवृत्ति के दर्शन होते थे ?
उत्तर :
गुरुदेव की कहानियों में ग्रामीण जनता की मनोवृत्ति के दर्शन होते हैं।
३. संस्मरण में किस कहानी का उल्लेख किया गया है ?
उत्तर :
संस्मरण में ‘काबुलीवाला’ कहानी का उल्लेख किया गया है।
४. लेखक आनंद विभोर क्यों हुए ?
उत्तर :
लेखक ने जब यह याना कि जिस कमरे में उन्हें ठहराया गया है, वहीं बैठकर गुरुदेव ने अपनी ‘गीतांजलि’ का अधिकांश भाग लिखा था, तो वे आनंद विभोर हो गए।
स्वयं अध्ययन
महान विभूतियों की सूची बनाकर उनके कार्यों का उल्लेख करते हुए निबंध लिखो।
उत्तर :
भारत की महान विभूतियाँ
भारतवर्ष महान लोगों की भूमि है। यहाँ अनेक विभूतियाँ हुई हैं जिन्होंने अपने कार्यों और विचारों से देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने समाज, विज्ञान, शिक्षा, साहित्य, और स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान दिया है।
1. महात्मा गांधी:
महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है। उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका सरल जीवन और उच्च विचार हम सभी के लिए प्रेरणा हैं।
2. डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम:
वे भारत के ‘मिसाइल मैन’ और पूर्व राष्ट्रपति थे। उन्होंने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत को ऊँचाई तक पहुँचाया। वे बच्चों को बहुत प्यार करते थे और उन्हें सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देते थे।
3. रवींद्रनाथ ठाकुर (टैगोर):
वे महान कवि, लेखक और संगीतकार थे। उन्हें “गीतांजलि” के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने हमारे राष्ट्रगान “जन गण मन” की रचना की।
4. झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई:
वे भारत की वीरांगना थीं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से युद्ध किया। उनका साहस और आत्मबल आज भी हमें प्रेरित करता है।
5. स्वामी विवेकानंद:
स्वामी विवेकानंद ने भारत के युवाओं को जागरूक किया और पूरे विश्व में भारत की संस्कृति का प्रचार किया। उनका भाषण – “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य न मिल जाए” – आज भी प्रसिद्ध है।
सदैव ध्यान में रखो
उल्लेखनीय कार्य ही व्यक्ति को महान बनाते हैं।
उत्तर :
उल्लेखनीय कार्य यानी ऐसे काम जो समाज और दूसरों के लिए उपयोगी हों, वही व्यक्ति को सच्चा महान बनाते हैं। कोई व्यक्ति अमीर या प्रसिद्ध होकर महान नहीं बनता, बल्कि उसके अच्छे कर्म, मेहनत, ईमानदारी और दूसरों की मदद करने की भावना ही उसे महान बनाती है।
महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई जैसे महान लोगों ने अपने जीवन में दूसरों के लिए कार्य किए, इसलिए आज भी उनका नाम सम्मान से लिया जाता है।
अगर हम भी सत्य बोलें, बुजुर्गों का आदर करें, ज़रूरतमंदों की मदद करें और पढ़ाई में मन लगाकर मेहनत करें, तो हम भी एक दिन महान बन सकते हैं।
विचार मंथन
।। हे विश्वचि माझे घर ।।
उत्तर :
“हे विश्वचि माझे घर” या वाक्याचा अर्थ आहे – हे संपूर्ण विश्वच माझं घर आहे।
ही ओळ संत तुकाराम महाराजांनी लिहिलेली आहे. त्यांनी आपल्या अभंगांमधून माणुसकी, प्रेम, आपुलकी आणि सर्वत्र एकतेचा संदेश दिला आहे। या ओळीमधून असं सांगितलं जातं की आपण सगळे एक आहोत – जाती, धर्म, भाषा, देश यांच्यापेक्षा माणुसकी मोठी आहे।
जर आपण संपूर्ण विश्वाला आपलं घर मानलं, तर सर्वांशी प्रेमाने वागू, एकमेकांची मदत करू, आणि कोणालाही दु:ख नको वाटावं।
खोजबीन
नीचे दिए गए नोबल पुरस्कार प्राप्त विभूतितों के चित्र चिपकाओ। उन्हें वह पुरस्कार किसलिए प्राप्त हुआ है, बताओ।
उत्तर :
