ऐ सखि स्वाध्याय

ऐ सखि स्वाध्याय

ऐ सखि स्वाध्याय इयत्ता नववी हिंदी

संभाषणीय

‘जीवन में हास्य का महत्त्व’ पक्ष-विपक्ष में चर्चा कीजिए।

उत्तर :

आज के तनावपूर्ण जीवन में हास्य का विशेष महत्त्व है। हंसने की इसी कला के कारण इंसान स्वस्थ बना रहता है। परेशानियों को कम समझना और जीवन की छोटी छोटी खुशियों को जी भर के जीना ही अच्छी सेहत की निशानी है। हंसना अपने आप में एक गुण है जो सभी विपरीत परस्थितियों को नजरअंदाज करके खुश रहने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

पठनीय

किसी महिला साहित्यिक की जीवनी का अंश पढ़िए, और उनकी प्रमुख कृतियों के नाम बताइए।

उत्तर :

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ से ११ दिसंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक है।

प्रमुख कृतियाँ

i) नीहार, ii) रश्मि, iii) नीरजा, iv) सांध्यगीत, v) अग्निरेखा, vi) सप्तपर्णा, vii) दीपशिखा, viii) प्रथम आयाम

आसपास

पहलेयों का संकलन कीजिए।

उत्तर :

i) आपस की उलझन सुलझाकर

अलग अलग जो बांटता।

दांत है पर नही कांटता।

– कंघी

ii) ऊंट की बैठक

हिरण सी तेज चाल

वो कौन सा जानवर

जिसके पूंछ न बाल।

– मेंढक

iii) एक पैर है काली धोती

जाड़े में वह हरदम सोती

गर्मी में ये छाया देती

सावन में वह हरदम रोती।

– छाता

iv) गोल हूं पर गेंद नहीं

पूंछ है पर पशु नहीं

पूंछ पकड़कर खेलें बच्चे

फिर भी मेरे आंसू न निकले।

– गुब्बारा

v) एक लाठी की सुनो कहानी,

भरा इसमें मीठा पानी।

– गन्ना

लेखनीय

सुवचनों का संकलन कीजिए तथा सुंदर, सजावटी लेखक करके चार्ट बनाइए। विद्यालय की द्वारों को सजाइए।

उत्तर :

i) प्रत्येक अनुभव से शक्ती साहस व आत्मविश्वास बढ़त है।

ii) जिनमें अकेले चलने का हौसला होता है उनकी पीछे एक दिन काफीला होता है।

iii) असफलता जीवन का एक हिस्सा है इससे डरकर सफलता की राह मत छोड़ो।

iv) याद रखना हिम्मत का काम है क्योंकी भूल जाना तो आज कल आम है।

v) पुण्य छप्पर फाड़ के देता हे पाप थप्पड़ मार के लेता है।

vi) छल में बेशक बल है। मगर प्रेम मे आजभी हल है।

vii) व्यक्ती तब बुरा बनता है जब स्वयं को सबसे अच्छा समझने लगता है।

viii) दुनिया को समझने मे वक्त जाया न करे अपना काम करे और खुश रहे।

कल्पना पल्लवन

‘पुस्तकों का संसार, ज्ञान-मनोरंजन का भंडार’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।

उत्तर :

कहावत है – पुस्तकें ही मनुष्य के गुरु हैं पुस्तकें तरह-तरह के विषयों से संबंधित होती हैं। नाटक, कविता, कहानी से लोगो का मनोरंजन होता है। धार्मिक पुस्तकों से हमें धर्म संबंधी अनेक बातों की जानकारी मिलती है। इसी तरह तकनीकी विषयों पर तरह-तरह की पुस्तकें उपलब्ध हैं। इतिहास से हमें अपने अतीत का पता चलता है। इन पुस्तकों से पाठकों को विभिन्न विषयों से संबंधित जानकारियाँ मिलती हैं। तथा उनका ज्ञानार्जन होता है।

पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती हैं। आवश्यकता है। इन्हें पढ़ने की। कहते हैं जिस घर में पुस्तकें नहीं होती, वह घर बिना खिड़कियों वाले घर भी भाँती होता है। जिसमे ज्ञान रूपी हवा का प्रवेश नहीं होता। पुस्तकों अनेक महापुरुषों के जीवन को प्रभावित किया है। पुस्तकों से विभिन्न विषयों की जानकारी मिलने के साथ-साथ अज्ञान दूर करने में मदद मिलती है। इस प्रकार पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का भंडार होती हैं।

पाठ के आँगन में

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-

क) मुकरियों के आधार पर निम्नलिखित शब्दों को विशेषताएँ लिखिए :

अ. क्र.शब्दविशेषता
तोता राम भजन किए बिना कभी न सोने वाला।
नीर
अंजन
ढोल

उत्तर :

अ. क्र.शब्दविशेषता
तोता राम भजन किए बिना कभी न सोने वाला।
नीरसबको जीवित रखने वाला।
अंजनहमेशा सुंदरता में वृद्धी करने वाला।
ढोल शादी के समय आवश्यक समझा जाना।

ख) भावार्थ लिखिए : मुकरियाँ – १, ५ और ९

उत्तर :

i) रात समय वह मेरे आवे। भोर भये वह घर उठि जावे।।

यह अचरज सबसे न्यारा। ऐ सखी साजन ? ना सखी तारा।।

भावार्थ – नायिका अपनी सखी से कहती है कि रात के समय वह मेरे पास आता है और तड़के उठकर अपने घर जाता है। यह सबसे अलग ढंग का आश्चर्य है। उसकी सखी पुछती है कि क्या वह साजन (उसका पति) है। नायिका जबाब देती है – नहीं सखी, वह तारा है।

ii) अति सुरंग है रंग रँगीलो । है गुणवंत बहुत चटकीलो।।

राम भजन बिन कभी न सोता। क्यों सखी साजन ? ना सखि तोता।।

भावार्थ – नायिका कहती है की उसका रंग बहुत सुंदर है और वह रंग – रंगीला है। वह बहुत गुणी और गाढ़े चमकदार रंग वाला है। वह बिना राम – राम कहे कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है – सखि, क्या वे साजन हैं सुनकर वह जवाब देती है – नहीं सखी, साजन नहीं, वह तोता है।

iii) बिन आए सबहीं सुख भूले। आए ते अँग-अँग सब फूले।।

सीरा भई लगावत छाती। क्यों सखि साजन ? ना सखि पाती।।

भावार्थ – नायिका कहती है कि जब वह नहीं आता, तो कोई सुख अच्छा नही लगता। सभी सुख भूल जाते हैं जब वह आ जाता है, तो शरीर के सभी अँग पुलकित हो उठते हैं। उसे छाती से लगाने पर ह्रदय शितल हो जाता है। उसकी सखी उसे पुछती है उसकी क्यों सखी, क्या वे साजन है ? वह जवाब देती है – नही सखी, वह पत्र है।

पाठ के आगे

प्राकृतिक घटकों पर आधारित पहेलियाँ बनाइए और संकलन कीजिए।

उत्तर :

i) पानी से निकला दरख्त एक

पात नहीं पर डाल अनेक।

इस दरख्त की ठंडी छाया

नीचे कोई बैठ न पाया।

– फुहारा

ii) गर्मी में मुझसे घबराते।

जाड़े में सब मुझको खाते।

मुझसे है हर चीज चमकती।

दुनिया भी है खूप दमकती।।

– धूप

iii) एक थाल मोती से भरा,

सबके सिर पर औंधा धरा।

चारों ओर वह थाली फिरे,

मोती उसे एक न गिरे।

– आकाश

iv) पांव नही है पर चलता हूँ,

देता नहीं दिखाई।

जब जब मैंने वेग बढ़ाया,

मच गई चारों ओर तबाही।

– तुफान

v) जल पीते ढल जाए उम्र

पवन पास जाए।

पके सेब सा रंग और

रवि सा तेज सुहाय।

– आग

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