जूलिया स्वाध्याय

जूलिया स्वाध्याय

जूलिया स्वाध्याय इयत्ता नववी हिंदी

लेखनीय

छोटे व्यवसायिकों के साथ दिए गए मुद्दों के आधार पर वार्तालाप कीजिए और संवाद के रूप में लिखिए।

जूलिया के मन के भाव दर्शाने वाले स्वर – 5

उत्तर :

मंगेश – नमस्कार ! सोहनलाल जी कैसे हैं ? बड़े दिनों बाद मुलाकात हुई। अभी आप कौन-सा व्यवसाय कर रहे हैं ?

सोहनलाल – नमस्कार मंगेश ! मैं अच्छा हूँ। अभी कुछ दिनों पहले ही मैंने अगरबत्ती-उद्योग की शुरुवात की है।

मंगेश – सोहनलाल जी ! इतने सारे व्यवसाय के होते आपने इस व्यवसाय का चुनाव क्यों किया ?

सोहनलाल – मंगेश इसके लिए मुझे ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मैंने अपने घर से इसकी शुरुवात की है। इससे मुझे दो फायदे हुए की मैं अपने परिवार के साथ की समय बिता सकता हूँ और साथ-ही-साथ मेरा व्यापार भी चलता रहता है।

मंगेश – सोहनलाल जी, क्या आपको इस व्यापार से आनंद मिल रहा है ?

सोहनलाल – बिल्कुल मंगेश, मुझे बहुत खुशी है कि मैने इस उद्योग को अपनाया। कमाई के साथ-ही-साथ मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि मेरे कारण कुछ लोगों को रोजगार मिल। आंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अगरबत्ती की भारी माँग है। इसलिए मुझे इस कार्य से बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा है।

मंगेश – सोहनलाल जी, इतनी सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ! अच्छा चलता हूँ नमस्कार।

सोहनलाल – नमस्कार मंगेश।

आसपास

घरेलू काम करने वाले लोगों की समस्याओं की सूची बनाइए।

उत्तर :

i) निवास, जल, भोजन की समस्या

ii) गृहस्वामियों द्वारा शोषण

iii) क्रूर, निर्मम, ह्रदयहीन लोगों से वास्ता पड़ना

iv) अस्वस्थ परिवार

v) पारिवारिक माहौल

vi) नियमित रोजगार का अभाव

vii) अशिक्षा

viii) गरीबी

मौलिक सृजन

‘जूलिया की जगह आप होते तो’ ……… विषय पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :

प्रस्तुत पाठ में लेखक ने जूलिया की पात्रता को जिस प्रकार दर्शाया है, उससे यह ज्ञात है कि वह एक सीधी-सीधी औkर डरपोक महिला है; जो अन्याय को भी सहन कर लेती है। अगर उसकी जगह मैं होती, तो यह अन्याय कभी-भी सहन नहीं करती। क्योंकि अन्याय को सहन करना भी एक प्रकार का अपराध है। अगर मैंने परिश्रम किया है, तो उसका उचित मेहनताना मुझे मिलना ही चाहिए।

कार्य को शुरु करने से पहले ही मैं अपने कार्य और वेतन संबंधी सारी चर्चा कर लेती। कार्य की समाप्ति पर अगर मालिक पक्ष वेतन देने में आनाकानी करता या झुठे कारण दिखाकर वेतन कम करने का प्रयास करता, तो उसके खिलाफ आवाज उठाती। इसके बाद भी मालिक मेरा पूरा मेहनताना नहीं देता। तो मैं प्रशासन की मदद लेती और अपना पूरा मेहनताना लेकर ही रहती। मैं कायर और डरपोक बनकर अत्याचार नहीं सहती।

पठित गद्यांश पर आधारित कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

१) संजाल पूर्ण कीजिए

उत्तर :

जूलिया के मन के भाव दर्शाने वाले स्वर – 4

२) कारण लिखिए :-

क) गृहस्वामी द्वारा जूलिया से माफी माँगना

उत्तर :

जूलिया के साथ क्रूर मजाक करना।

ख) गृहस्वामी से जूलिया को संसार के साथ लड़के के लिए कहना

उत्तर :

ताकि वह अपने आप को बचाए रख सके।

३) क) परिच्छेद में प्रयुक्त कोई एक मुहावरा ढूँढकर उसका सार्थक वाक्य में प्रयोग कीजिए :

उत्तर :

मुहावरा : सबक सिखना।

अर्थ : दंड देना।

वाक्य : लड़कियों को छेड़ने वाले लड़कों को पुलिस ने अच्छा सबक सिखाया।

ख) ‘पर’ शब्द के दो अर्थ लिखिए।

उत्तर :

‘पर’ शब्द के दो अर्थ –

i) पंख

ii) लेकिन

४) ‘संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं हैं’, इसपर लगभग आठ से दस वाक्यों में अपने विचार लिखिए।

उत्तर :

यह संसार बहुत ही कठोर, क्रूर, निर्मम व ह्रदयहीन है। यदि व्यक्ति अन्याय को बिना आवाज उठाए सहता जाएगा, तो उसके साथ अन्याय ही होता रहेगा। ऐसे व्यक्ति के साथ कभी न्याय नहीं हो सकता, जो न्याय के लिए अपनी आवाज न उठाए। अपने अधिकार को पाने के लिए हर व्यक्ति को आवाज उठाने व जरूरत पड़ने पर लड़के का हक है। यही प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य भी है।

यदि अधिकारों को यूँ ही छोड़ दिया जाएगा, तो उसे व्यक्ति की कमजोरी मान ली जाती है। ऐसे लोगों का समाज में हर वर्ग के लोग शोषण करेंगे जो अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है, वह व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता है। हमारे संविधान में भी अन्याय के खिलाफ व अपना हक पाने के लिए आवाज उठाने के लिए कहा गया है। इस तरह संसार में दब्बू व रीढ़रहित व्यक्ति कभी सुखी नहीं रह सकता और न ही वह अपने जीवन में सफल हो सकता है।

पाठ के आँगन में

१) सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :-

क) संजाल :

उत्तर :

ख) ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो :

१) वान्या

उत्तर :

कौल्या के अलावा जूली से कौन पढ़ता था ?

२) रूबल

उत्तर :

रूसी मुद्रा का नाम क्या है ?

२) पाठ में प्रयुक्त अंकों का उपयोग करके मुहावरे लिखिए।

उत्तर :

i) दो – नौ दो ग्यारह होना।

ii) एक – एक और एक ग्यारह होना।

iii) उन्नीस – उन्नीस बीस का फर्क होना।

iv) चार – चार चाँद लगाना।

v) पाँच – पाँचों उँगलियाँ घी में होना।

३) कई बार अज्ञान के कारण गरीबों को ठगा जाता है यह देखकर मेरे मन में विचार आए ……..

उत्तर :

अज्ञानता ही परेशानियों की मुख्य जड़ है। यदि व्यक्ति समझदार व ज्ञानी है, तो वह किसी भी समस्या के मूल कारणों को समझकर उसे सुलझा सकता है। वह अन्य लोगों की भी जरूरत पड़ने पर मदद कर सकता है। इसके विपरीत अज्ञानता के अंधकार में जी रहे लोगों को बड़ी आसानी से ठगा जा सकता है। वे अज्ञानता के कारण अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठा पाते हैं।

समाज में उनका शोषण किया जाता है मेरे अनुसार इस तरह जनता का शोषण नहीं करना चाहिए और न ही उनका शोषण होने देना चाहिए। हमें स्वयं आगे आकर विषम परिस्थिति में उनकी मदद करनी चाहिए। मेरे अनुसार इस समाज व पूरे देश के लोगों को शिक्षित किया जाए। शिक्षित होने पर लोग स्वयं को ठगे जाने से बचा सकते हैं। इसके अलावा लोगों को ठगने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई भी की जानी चाहिए। इससे समाज में कड़ा संदेश जाएगा और गरीबों की मदद हो सकेगी।

पाठ से आगे

परिचारिका पाठ्यक्रम नर्सिग कोर्स संबंधी जानकारी अंतरजाल से प्राप्त कीजिए और आवश्यक अर्हता संबंधी चर्चा करें।

उत्तर :

नर्सिग कोर्स संबंधी जानकारी

नर्सिग में उच्च अध्ययन या M.Sc को आगे बढ़ाने के लिए उम्मीदवारों के पास आवश्यक अंकों के साथ नर्सिंग डिग्री में B.Sc होना चाहिए। नर्सिंग में M.Sc का अध्ययन करते समय वे निम्नलेखित क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं :

i) बाल चिकित्सा नर्सिंग

ii) मनोरोग नर्सिंग

iii) नेफ्रोलॉजिकल नर्सिंग

iv) न्यूरोसाइंसेस नर्सिंग

v) क्रिटिकल केयर नर्सिंग

vi) ऑन्कोलॉजिकल नर्सिंग

vii) कार्डियोलॉजिकल नर्सिंग

भाषा बिंदु

नीचे दिए गए चिन्हों के सामने उनके नाम लिखिए तथा वाक्यों में उचित विरामचिन्ह लगाइए :-

उत्तर :

क्र.चिह्ननामवाक्य
१. स्त्री शिक्षा को लेकर लेखक के क्या विचार थे
२. . श्याम तुम आ गए
३. ________मोहन बोला तुमने जो कुछ कहा ठीक है
४. [ ]जीवन संग्राम में सब लड़ रहे हैं कुछ जीतेंगे कुछ हारेंगे
५. “…………..”भरत भैया ऐसा ना कहो
६. ,अरे क्या मैं झूठ बोल रहा हूँ
७. !जी धन्यवाद
८. ; इसके अलावा तुमने तीन छुट्टियाँ और ली है ठीक है न
९. ( )अच्छा और इतनी बड़ी बात तुम्हारी मालकिन ने मुझे बताई तक नहीं
१०. आप कह रहे हैं तो आप ने दिए ही होंगे

उत्तर :

क्र.चिह्ननामवाक्य
१. योजक चिह्नस्त्री-शिक्षा को लेकर लेखक के क्या विचार थे ?
२. . लाघव चिह्नश्याम, तुम आ गए !
३. ________निर्देशक चिह्नमोहन बोला- “तुमने जो कुछ कहा ठीक है।”
४. [ ]बडा कोष्ठक चिह्नजीवन संग्राम में सब लड़ रहे हैं; कुछ जीतेंगे, कुछ हारेंगे।
५. “…………..”उद्धरण चिह्न“भरत भैया ऐसा ना कहो।”
६. ,अल्पविराम चिह्नअरे, क्या मैं झूठ बोल रहा हूँ ?
७. !विस्मयसूचक चिह्नजी धन्यवाद !
८. ; अर्धविराम चिह्नइसके अलावा; तुमने तीन छुट्टियाँ और ली है। ठीक है न ?
९. ( )छोटा कोष्ठक चिह्नअच्छा!…….और इतनी बड़ी बात तुम्हारी मालकिन ने मुझे बताई तक नहीं।
१०. पूर्ण विराम चिह्नआप कह रहे हैं तो आप ने दिए ही होंगे।

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