किताबें स्वाध्याय

किताबें स्वाध्याय

किताबें स्वाध्याय इयत्ता नववी हिंदी

लेखनीय

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पुस्तकों से संबंधित चर्चा के आयोजन में सहभागी होकर लिखिए :

कृति के लिए आवश्यक सोपान :

* पाठ्येतर पुस्तकें | * पुस्तकों का संकलन | * पुस्तकों की देखभाल | * विचार मंथन → विचार, वाक्य सुवचन |

उत्तर :

हमारी कक्षा में आज पुस्तकों से संबंधित चर्चा का आयोजन किया गया | इस चर्चा से हमें यह प्रेरणा प्राप्त हुई |

पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त हमें अन्य पुस्तके भी पढ़नी चाहिए | अन्य पुस्तकें जैसे सामान्य विज्ञान, मनोरंजक अथवा शिक्षा प्रद कहानियाँ, ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें आदि हमें न केवल ज्ञान प्रदान करती है साथ ही आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है।

इसी के साथ ही पुस्तकों के संकलन का भी महत्त्व है। महापुरुषों की जिवनीयाँ, महापुरुषों द्वारा रचित किताबें और अन्य ज्ञान-विज्ञान युक्त किताबों का संकलन हमें समय-समय पर मार्गदर्शन प्रदान करता है। जीवन में फुरसत के क्षणों में अथवा यात्रा आदि में पुस्तकें हमारी श्रेष्ठ मित्र सिद्ध होती है।

पुस्तकों के संकलन के साथ उनकी उचित देखभाल भी आवश्यक है। पुस्तकों पर आकर्षक व मजबूत आवरण चढ़ाकर रखने से पुस्तकों के फटने आदि की संभावना कम होती है। साथ ही पुस्तकों को भीगने से बचाना आवश्यक है। एवं अलमारी इत्यादि में उचित सुरक्षित स्थान पर पुस्तक को रखना चाहिए। ताकि दीमक आदी से बचा जा सके।

पुस्तकों से हमें नए विचार एवं महापुरुषों आदि के विचार प्राप्त होते है। साथ ही वाक्य एवं वाक्य रचना की भी जानकारी मिलती है। पुस्तकों से प्राप्त सुवचन हमें उच्च व आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देते है। सुवचनों सुविचारों एवं महान वाक्यों को हमें अलग से लिख लेना चाहिये। एवं श्याम पट्ट पर नियमित रूप से एक विचार लिखना चाहिये।

संभाषणीय

सुप्रसिद्ध कवि गुलजार की अन्य किसी कविता का मौन वाचन करते हुए आनंदपूर्वक रसास्वादन कीजिए तथा निम्न मुद्दों के आधार पर केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :

देखो, आहिस्ता चलो, और भी आहिस्ता जरा

देखना, सोच-संभलकर जरा पॉव रखना,

जोर से बज न उठे पैरों की आवाज कही

कॉच के ख्वाब है। बिखरे हुए तन्हाई में,

ख्वाब टूटे न कोई, जाग न जाये देखो,

जाग जायेगा कोई ख्वाब तो मर जाएगा।

सपनों की कोमलता एवं महत्त्व उपरोक्त कविता का विषय है। कविता के माध्यम से कवि ने सपनों को सहेजकर रखने और उनका रक्षण करने के लिए कहा है। व्यक्ति की आशाएँ अथवा स्वप्न बड़े ही क्षणभंगूर एवं कोमल होते हैं। स्वप्नों के अंकूर को बड़े धैर्य से सींचना पड़ता है अन्यथा जरा स निराशा का झोंका उसे नष्ट कर देता है।

इस तरह कवि कहतें है कि आहिस्ता-आहिस्ता चलें। और सोच समझकर कदम आगे बढ़ाए। जैसे कोई नींद में ख्वाब देख रहा हो और जोर की आवाज से उसकी निद्रा भंग हो जाएँगी और काँच की तरह कोमल ख्वाब मर जाएँगा। इस तरह कवि ख्वाबों को समय देकर और विचारों के पोषण से सहेज कर और पुख्ता करने का संदेश देते है।

आसपास

‘पुस्तकांचे गाव-भिलार’ संबंधी जानकारी समाचार पत्र/अंतरजाल आदि से प्राप्त कीजिए और उसे देखने का नियोजन कीजिए।

उत्तर :

पुस्तकांचे गाव-भिलार’ महाराष्ट्र के सातारा जिले का पहिला गाव है जिसे पुस्तकांचे गाँव यह नाम दिया गया है। इसकी स्थापना मई २०१७ को शिक्षा मंत्री विजय तावड़े के नेतृत्व में मराठी विभाग द्वारा की गई और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री देवेन्द्रजी फडनवीस द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। यह महाराष्ट्र सरकार द्वारा चलाया जाने वाला उपक्रम है। यहां सब प्रकार की महिलाओं, बच्चों के लिए, आत्मचरित्र, विज्ञान, कविता, धर्म आदि पर पुस्तकें उपलब्ध हैं यह गाँव पांचगणी नामक हिल स्टेशन से आठ किलोमीटर की दूरी पर है और दो किलोमीटर तक फैला है। वेल्श के एक नगर हे-ऑन-वाय से इस उपक्रम की प्रेरणा प्राप्त हुई है। यह नगर उसके पुस्तकालयों और पुस्तक महोत्सवों के लिए सुविख्यात है।

कल्पना पल्लवन

‘ग्रंथ हमारे गुरु’ चर्चा कीजिए तथा अपने विचार लिखिए।

उत्तर :

यह सत्य है कि ग्रंथ हमारे गुरु हैं। वे हमें उत्तम शिक्षा देते हैं। इस गुरु से हमें हर विषय की शिक्षा प्राप्त होती है। भाषा विषय से लेकर गणित तक विज्ञान तक। वे सभी विषय पढ़ा सकते हैं। ग्रंथ अत्यंत सहनशील और धैर्यशील गुरु हैं। वे अपने विद्यार्थियों के मंद होने पर खीजते नहीं, न ही वे डॉट लगाते हैं, परंतु बड़े धीरज से, मन लगाकर सिखाते हैं।

पाठ के आँगन में

१) सूचना के अनुसार कृतियॉं कीजिए :

क) पाठ के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।

१. किताबों की अब बनी आदत ………………

उत्तर :

किताबों की अब बनी आदत टूट गई हैं।

२. किताबें जो रिश्ते सुनाती थीं …………………

उत्तर :

किताबें जो रिश्ते सुनाती थीं वे अब उधड़े उधड़े हैं।

ख) कृति पूर्ण कीजिए।

उत्तर :

ग) आकृति पूर्ण कीजिए।

उत्तर :

२) प्रथम पाँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।

किताबें झाॅकती है …………………. अब अक्सर ………………….

उत्तर :

प्रस्तुत पंक्तियॉं कवि गुलजार द्वारा लिखित ‘किताबें’ कविता से ली गई हैं। प्रस्तुत कविता में कविता में कवि ने बताया है कि कम्प्यूटर के कारण इन दिनों पुस्तकों के प्रति लोगों की अरुचि बढ़ गई है। इस दर्द और पुस्तकों एवं मनुष्यों के बीच बढ़ती दूरी को कवि ने यहां मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है।

अर्थ – जिन किताबों की संगति में लोगों की शाम कट जाया करती थी, वही शाम अब वे कम्प्यूटर के पर्दो के सामने बिताते हैं। अब किताबें अलमारी में बंद हो गई और अलमारी के शीशों से वे झाकती है, उनके दिल में यह कामना होती है कि कोई आकर उन्हें उठा लेगा। और उनसे मुलाकात करेगा। अब तो किताबों से बिना मुलाकात किए महीने बीत जाते हैं।

पाठ से आगे

अपने तहसील/जिले के शासकीय ग्रंथालय संबंधी जानकारी निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर प्राप्त कीजिए।

स्थापना-तिथि/वर्ष, संस्थापक का नाम, पुस्तकों की संख्या, विषयों के अनुसार वर्गीकरण

उत्तर :

‘अनमोल वचन’ नागपुर के प्रमुख सरकारी ग्रंथालयों में से एक है। इसकी स्थापना १२ नवंबर २०१६ को नागपुर के जिलाधिकारी द्वारा की गई थी और उसका उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेन्द्रजी फडणवीस द्वारा किया गया। यह ग्रंथालय पूनम चेम्बर्स में तीसरे मजले पर है जिसमें तीन बड़े बड़े हॉल हैं। एक में वाचकों के बैठने की सुविधा है। इस ग्रंथालय में फिलहाल २ लाख से अधिक पुस्तकें हैं। इसमें विज्ञान, कविता, नाटक, उपन्यास, भूगोल, इतिहास, अंतरिक्ष विज्ञान, धर्म, आदि कई विषयों पर पुस्तकें उपलब्ध हैं। यह आम जनता को नि:शुल्क पुस्तक सुविधा प्रदान करता है। विद्यार्थियों के लिए यहाँ विशेष कक्ष है जहाँ विद्यार्थी आकर अध्ययन कर सकते है। उनके लिए सहायक पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। यह ग्रंथालय पाठकों के लिए कई प्रकार की गतिविधियों को भी आयोजित करता है, जैसे निबंध प्रतियोगिता, परिचर्चा का आयोजन, वाद-विवाद, प्रतियोगिता, ग्रंथ समीक्षा प्रतियोगिता आदि। कवि सम्मेलन, साहित्यिक गोष्ठियॉं आदि का भी आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी भी आयोजित की जाती है।

भाषा बिंदु

शब्द-युग्म पूरे करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

घर – ……………………………………….

उत्तर :

घर – बार

वह अपना घर – बार छोड़कर विदेश चला गया।

उधड़े – ……………………………………….

उत्तर :

उधड़े – उधड़े

आज सारे रिश्ते उधड़े – उधड़े रह गए हैं, तभी तो वृद्धोंश्रमों की संख्या बढ रही है।

भला – ……………………………………….

उत्तर :

भला – बुरा

अपना भला – बुरा सभी को समझता है।

प्रचार – ……………………………………….

उत्तर :

प्रचार – प्रसार

संचार-माध्यमों द्वारा नई परियोजना का बहुत प्रचार – प्रसार होता रहा है।

भूख – ……………………………………….

उत्तर :

भूख – प्यास

बच्चे भूख – प्यास भूलकर खेलने में लग गए।

भोला – ……………………………………….

उत्तर :

भोला – भाला

रामू एक भोला – भाला लड़का है जो हर किसी की बात में आ जाता है।

Leave a Comment