फूल और काँटे स्वाध्याय

फूल और काँटे स्वाध्याय

फूल और काँटे स्वाध्याय इयत्ता सातवी हिंदी

विचार मंथन

उत्तर :

प्रस्तुत वाक्य में भूल-फूल-शूल इन शब्दों का प्रयोग वाक्य को लयबद्ध करता है| भूल-फूल-शुल यह शब्द परस्पर लयबद्ध है| कविताओं इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर कविताओं को विशिष्ट लय प्रदान की जाती है|

इस वाक्य से हमें यह संदेश दिया गया है कि हम शूल न बनकर अर्थात हमें अपने स्वभाव और व्यवहार को तीखा कष्टकारक न बनाकर फूल की तरह कोमल, मीठा और प्रेम पूर्वक बनाना चाहिये ताकी हम सब के लिये सुखदायक एवं उपयोगी बने है|

बताओ तो सही

उत्तर :

खोजबीन

आसपास के पेड-पौधों के नामों का वर्गीकरण करो :

छोटे मध्यमबडे

उत्तर :

छोटे मध्यमबडे
गुलबाक्षी, तुलसी, लिलीभिंडी, हरी मिर्च, गुलाब, बैगन, टमाटर आम, नारीयल, अशोका, बरगद

1. रिक्त स्थान की पूर्ति करो :

क) रात में उनपर ……………… चाँद भी,

एक ही-सी……………… है डालता |

उत्तर :

रात में उनपर चमकता चाँद भी,

एक ही-सी चाँदनी है डालता |

ख) प्यार डूबी तितलियों ………………. कतर,

भौर का है वेध देता ………………. तन|

उत्तर :

प्यार डूबी तितलियों पर कतर,

भौर का है वेध देता श्याम तन|

2. एक वाक्य में उत्तर लिखो :

च) फूल किनको गोद में लेता है ?

उत्तर :

फूल तितलियों और भौरों को अपनी गोद में लेता है|

छ) बडप्पन की कसर रह जाने पर क्या काम नहीं देती ?

उत्तर :

बडप्पन की कसर रह जाने पर कूल की बडाई काम नही देती|

ज) कौन एक-सा बरसता है ?

उत्तर :

मेह अर्थात बादल फूल और काटों पर एक से बरसते है|

झ) फूल किसको रस पिलाता है ?

उत्तर :

फूल भौरों और तिंतलियों को रस पिलाता है|

भाषा की ओर

निम्नलिखित वर्णो से समानार्थी और विरुद्धार्थी शब्दों की जोडियॉ ढूंढो और अपने वाक्यों में प्रयोग करके कॉपी में लिखों :

उत्तर :

समानार्थी शब्द

i) पुष्प = फूल

पंडित ने भगवान की मूर्ति पर फूलों का हार चढाया और पुष्पांजली अर्पित की|

ii) हवा = वारा

मंद – मंद चलती हवा अचानक तेज वारे में बदल गयी|

iii) पानी = जल

जल ही जीवन है| अत: पानी व्यर्थ न गवा गवाएं|

iv) मेह = बादल

आकाश में बादल उमड़ पड़े| कुछ ही देर में मेह बरसने लगे|

विरुद्धार्थी शब्द

i) रात X दिन

वह दिन में नौकरी करता है और रात में अभ्यास|

ii) जय X पराजय

जय या पराजय केवल खेल मात्र ही है|

iii) पानी X बाष्प

धूप से तपकर पानी बाष्प में बदल गया|

iv) बड़ा X छोटा

महात्मा गांधी की राय में कोई छोटा-बड़ा नही था|

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