जोकर स्वाध्याय
जोकर स्वाध्याय इयत्ता सहावी हिंदी

अध्ययन कौशल
किन्ही पाँच मुहावरों/कहावतों के सांकेतिक चित्र बनाओ :
उत्तर :

खोजबीन
निम्नलिखित शब्द को लेकर चार मुहावरे लिखो।

उत्तर :

स्वयं अध्ययन
‘अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत’ पर आधारित कोई कहानी सुनाओ।
उत्तर :
कहानी का शीर्षक: समय का सदुपयोग
गाँव में रामू नाम का एक किसान रहता था। वह बहुत आलसी था। रोज़ खेतों में काम करने के बजाय वह आराम करता, गाँव में घूमता और कहता, “कल से काम शुरू करूँगा। अभी बहुत समय है।”
उसका पड़ोसी श्याम रोज़ सुबह जल्दी उठकर अपने खेतों की जुताई, बुवाई और सिंचाई करता। उसने समय पर सारी मेहनत की और उसकी फसल लहराने लगी।
रामू ने जब देखा कि श्याम की फसल तैयार हो गई है और लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं, तो वह परेशान हो गया। उसने भी खेत में काम शुरू करने की सोची, लेकिन तब तक बारिश का मौसम बीत चुका था। बीज बोने का समय निकल गया था और खेत सूखे रह गए।
अब रामू पछताया और बोला –
“अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत!”
(अब पछताना बेकार है, जब मौका चला गया।)
सीख: हमें समय रहते अपने कार्य पूरे कर लेने चाहिए, वरना बाद में पछताना पड़ता है।
जरा सोचो ………………. बताओ
यदि साइकिल तुमसे बोलने लगी तो ……………
उत्तर :
एक दिन जब मैं अपनी साइकिल साफ कर रहा था; अचानक वह बोलने लगी –
“मनु, यह बहुत अच्छी बात है कि तुम स्कूल और बाजार आदि जाने के लिए मेरा प्रयोग करते हो। मनु, क्या तुम जानते हो कि साइकिल चलाना बहुत अच्छा व्यायाम है। इससे पूरे शरीर का व्यायाम होता है। दूसरे साइकिल चलाने से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता। आजकल जिधर दिखो, वायुमंडल में तरह-तरह के प्रदूषण देखने को मिलते हैं। कहीं पेट्रोल, डीजल से चलने वाले वाहनों के कारण होने वाला प्रदूषण है, तो कहीं कारखानों के कारण होने वाला प्रदूषण। ऐसे समय में साइकिल का अधिक से अधिक प्रयोग प्रदूषण कम करने की दिशा में एक अच्छा कदम है।”
विचार मंथन
।। गागर में सागर भरना ।।
उत्तर :
“गागर में सागर भरना” का अर्थ होता है – बहुत बड़ी बात को बहुत ही संक्षेप और सुंदर रूप में प्रस्तुत करना।
यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति कम शब्दों में बहुत गहरी, प्रभावशाली या सार्थक बात कहता है। जैसे कोई कविता, लेख या भाषण छोटा होते हुए भी उसमें बहुत गहरा अर्थ छिपा हो।
उदाहरण के रूप में:
हमारे शिक्षक जब कठिन विषयों को बहुत आसान और छोटे शब्दों में समझाते हैं, तो लगता है जैसे उन्होंने गागर में सागर भर दिया हो।
सदैव ध्यान में रखो
हमें सदैव प्रसन्न रहना चाहिए।
उत्तर :
हमें जीवन में हर परिस्थिति में प्रसन्न रहना चाहिए। प्रसन्नता हमारे मन और शरीर दोनों के लिए लाभदायक होती है। जब हम खुश रहते हैं, तो हमारे विचार सकारात्मक होते हैं और हम हर कार्य को अच्छे से कर पाते हैं।
चाहे कोई परेशानी आए, फिर भी धैर्य और मुस्कान के साथ उसका सामना करना चाहिए। जो व्यक्ति हर समय खुश रहता है, वह दूसरों को भी खुशी देता है और सबका प्रिय बन जाता है।
इसलिए हमें सादा जीवन, अच्छे विचार और सकारात्मक सोच के साथ सदैव प्रसन्न रहने की आदत डालनी चाहिए।
समझो हमें
चित्र का सहायता से बारहखड़ी के शब्द बनाकर लिखो।

उत्तर :
