जहाँ चाह, वहाँ राह स्वाध्याय

जहाँ चाह, वहाँ राह स्वाध्याय

जहाँ चाह, वहाँ राह स्वाध्याय इयत्ता सातवी हिंदी

बताओ तो सही

उत्तर :

स्वयं किए हुए कार्य
घर मैं घर में अपने कमरे की साफ-सफाई स्वयं करती हूँ और अपने सारे कपड़ों को अच्छे से सहेज कर अलमारी में रखती हूँ।
परिवेशमैं अपने परिवेश के पेड़-पौधों में पानी डालती हूँ।
विद्यालयमैं हर दिन विद्यालय के श्यामपट्ट को साफ करती हूँ और ऊपर एक कोने में सुविचार लिखती हूँ।
त्योहारमैं त्योहार पर अपने पड़ोसियों के घर मिठाई बाँटने एवं बधाइयाँ देने जाती हूँ।

विचार मंथन

।। श्रद्धा और विज्ञान, जीवन के दो पक्ष महान ।।

उत्तर :

‘श्रद्धा’ शब्द का अर्थ है विश्वास और ‘विज्ञान’ शब्द का अर्थ है संशोधन के माध्यम से सिद्ध की हुई बात।

श्रद्धा अधिक होने से अंधश्रद्धा निर्माण होती है। किसी कार्य के प्रति श्रद्धा (विश्वास) ही मनुष्य को लक्ष्य की ओर ले जाती है। इसलिए मनुष्य को अपने कार्य में गहन विश्वास होना चाहिए। विज्ञान वहीं विश्वास हमें दिलाता है। विज्ञान ही है, जिसने मनुष्य को अंधविश्वास से दूर करके उसमें आत्मविश्वास पैदा किया है। श्रद्धा मनुष्य में विश्वास उत्पन्न करती है, तथा विज्ञान उसे जीवन की आधुनिक राह दिखाता है।

वाचन जगत से

गणतंत्र दिवस पर सम्मानित बच्चों के बहादुरी के प्रसंग पढ़ो और पसंदीदा किसी एक का वर्णन करो।

उत्तर :

मैंने गणतंत्र दिवस पर सम्मानित कई बहादुर बच्चों की कहानियाँ पढ़ीं, लेकिन मुझे सबसे ज़्यादा प्रभावित किया महाराष्ट्र की 10 वर्षीय लड़की “अदिति देशमुख” की कहानी ने।

अदिति अपने घर के पास खेल रही थी तभी उसने देखा कि पास के मकान में आग लग गई है और एक छोटा बच्चा अंदर फंसा है। बिना डरे अदिति उस जलते हुए मकान में घुसी और धुएँ से भरे कमरे से बच्चे को सही-सलामत बाहर निकाल लाई।

उसकी साहसिकता, समझदारी और दूसरों की मदद करने की भावना के लिए उसे गणतंत्र दिवस पर बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

खोजबीन

उत्तर :

विभागपदपोशाककार्य
भारतीय थल सेनाथल सेनाध्यक्ष हरे रंग की वर्दीभारतीय थल सेना का कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाना और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा बनाए रखना है।
भारतीय जल सेनाजल सेनाध्यक्षसफेद रंग की वर्दीभारतीय जल सेना का कार्य समुद्री रास्ते से आने वाले आतंकवादियों का पकड़ना, चक्रवाती तूफानों जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय तलाश और बचाव अभियानों में जान-माल की रक्षा करना, डूबे हुए जहाजों की तलाश करना एवं भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा करना है।
भारतीय वायु सेनावायु सेनाध्यक्षहल्के नीले रंग की वर्दीवायु युद्ध, वायु सुरक्षा एवं वायु चौकसी का महत्त्वपूर्ण कार्य वायु सेना देश के लिए करती है।

अध्ययन कौशल

संदर्भ स्त्रोतों द्वारा निम्न रोगों से बचने के लिए दिए जाने वाले टीकों की जानकारी सुनो और संकलित करो :

रोगटीकारोगटीका
तपेदिक (टीबी)बी. सी. जी टायफॉइड (मोतीझरा)
डिप्थीरियारुबेला
खसराहैपेटाइटिस ए
रोटावायरसटिटनस

उत्तर :

रोगटीकारोगटीका
तपेदिक (टीबी)बी. सी. जी टायफॉइड (मोतीझरा)टायफॉइड टीका
डिप्थीरियाडीपीटीरुबेलाएम एम आर
खसराएम एम आरहैपेटाइटिस एहैपेटाइटिस ए टीका
रोटावायरसरोटावायरस टीकाटिटनसटिटनस टॉक्साॅयड

सदैव ध्यान में रखो

दृढ़ संकल्पों से ही सपने साकार होते हैं।

उत्तर :

हम सबके जीवन में अनेक सपने होते हैं, लेकिन केवल सपना देखना ही काफी नहीं होता। जब तक हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प नहीं करते, तब तक वे सिर्फ कल्पना बनकर रह जाते हैं।

दृढ़ संकल्प का अर्थ होता है – पूरे आत्मविश्वास और लगन के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ना। महान लोग जैसे डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, महात्मा गांधी, या स्वामी विवेकानंद – सभी ने अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन अपने संकल्प को कभी टूटने नहीं दिया।

इसलिए, हमें भी अपने जीवन में जो भी करना है, उसके लिए ठान लेना चाहिए कि हम मेहनत करेंगे, कोशिश करेंगे और कभी हार नहीं मानेंगे। ऐसा करने से एक दिन हमारे सपने जरूर पूरे होंगे।

१. किसने किससे कहा है ?

क) “आज इतने विद्यार्थियों के अनुपस्थित रहने का कारण क्या है ?”

उत्तर :

गुरु जी ने विद्यार्थियों से कहा।

ख) “जब कभी शहर गए हैं, बड़े-बड़े पुल देखे भी हैं।”

उत्तर :

आशीष ने अन्य विद्यार्थियों से कहा।

२. कहानी के शीर्षक की सार्थकता बताओ।

उत्तर :

जहाँ चाह, वहाँ राह – कहानी का यह शीर्षक एकदम सार्थक है। येसंबा गाँव के विद्यार्थी छोटे थे, अनुभवहीन थे, साधनहीन थे, परंतु यदि कुछ करने की चाह हो तो धीरे-धीरे उसकी पूर्ति के रास्ते भी निकल आते हैं। उन्होंने नाले पर पुल बनाने का निश्चय किया। पैसा इकट्ठा किया। उनकी लगन देखकर गाँव के लोग उनकी मदद के लिए आगे आए। एक बुजुर्ग ने रेत उपलब्ध कराई। अन्य लोगों ने श्रमदान किया और सबके सामूहिक प्रयासों से पंद्रह दिनों में पुल बनकर तैयार हो गया। गाँववालों और पाठशाला जाने वाले विद्यार्थियों को बरसात के दिनों में होने वाली परेशानी से सदा के लिए छुटकारा मिल गया।

३. आँखों देखी किसी घटना का वर्णन करो।

उत्तर :

कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं, जो अविस्मरणीय बन जाती हैं। मेरे बड़े भाई शिकागो में सर्विस करते हैं। कई वर्ष बाद वे दीवाली पर घर आ रहे थे। पचमढ़ी के पास हमारी बड़ी जमींदारी, बाग-बागीचे हैं। आसपास के इलाके में पिता जी का आछ सम्मान है। मध्य प्रदेश में चोरी-डकैती साधारण सी बात है।

भाई मेरे लिए बहुत सारी चीजें लाए थे, परंतु उनके लाए हुए बम व पटाखे तो अनोखे थे। ऐसे बड़े और भाँति-भाँति के पटाखे मैंने कभी नहीं देखे थे। मैं एक-एक पल गिन रहा था कि कब लक्ष्मी-पूजन व भोजन हो और मैं पटाखे जलाऊँ। खैर अंत में पटाखे जलाने की घड़ी भी आ गई। पर यह क्या ? अचानक बाहर से बंदूक चलने की आवाज आई। अवश्य ही हमारे घर को डाकुओं ने घेर लिया था। पता नहीं मुझे क्या सूझी मैंने एक साथ सारे पटाखों में आग लगा दि। सारे पटाखे बहुत जोर-जोर से फटने लगे, मानो एके साथ कई बंदूकें चल रही हों। डाकू पहले तो चौंके, फिर स्वयं को कमजोर समझकर भाग गए। घर में कोई नहीं समझ पाया कि घर के अंदर यह आवाज कहाँ से आई।

पहले तो मैं सच्चाई बताते हुए डरा, फिर आगे बढ़कर मैंने सबको अपनी गलती के बारे में बताया। पिता जी ने मुझे गले लगा लिया। आज मेरी नादानी ने हमारे पूरे घर को बचा लिया था। सभी मेरी भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए नाना प्रकार से मुझे आशीर्वाद देने लगे।

४. इस कहानी का सारांश लिखो।

उत्तर :

येसंबा गाँव के बीचोबीच एक नाला बहता था। बस्ती नाले के एक ओर थी, पाठशाला और खेत दूसरी ओर थे। बरसात के दिनों में नाले में इतना पानी भर जाता था कि बच्चे पाठशाला नहीं जा पाते थे। एक बार सब बच्चों ने आपस में सलाह करके नाले पर पुल बनाने का निश्चय किया। गाँव के सब लोगों से चंदा इकट्ठा किया, सामग्री खरीदी। बुजुर्गों के अनुभव से लाभ उठाया। गाँव के सभी लोगों ने विद्यार्थियों का साथ दिया और पंद्रह दिनों के सामूहिक श्रमदान से पुल बनकर तैयार हो गया।

भाषा की ओर

निम्नलिखित वाक्यों को पढ़ो और मोटे अक्षरों में चा छपे शब्दों पर ध्यान दो, पढ़कर उद्देश्य-विधेय अलग करके लिखो :

उत्तर :

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