लक्ष्मी स्वाध्याय

लक्ष्मी स्वाध्याय

लक्ष्मी स्वाध्याय इयत्ता दहावी हिंदी

परिच्छेद पर आधारित कृतियाँ: –

परिच्छेद:

‘ज्ञान सिंह को मवेशी ———–

स्वीकार करोगे दिया ——– ?’

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1) संजाल पूर्ण कीजिए :

उत्तर :

2) उत्तर लिखिए :

1. ____________ ज्ञान सिंह की समस्याएं _________________

उत्तर :

न ही लक्ष्मी को साथ ले जा सकता था | ज्ञान सिंह की समस्याएं लक्ष्मी को बेच नहीं सकता था |

2. _____________ ज्ञान सिंह के दूध बेचने का उद्देश्य _______________

उत्तर :

केवल गाय के चारा के लिए | ज्ञान सिंह के दूध बेचने का उद्देश्य दर्रा आदि के लिए पैसे जुटाना था |

3) चौखट में दी सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

उत्तर :

4) पालतू जानवरों के साथ किए जाने वाले सौहार्दपूर्ण व्यवहार के बारे में अपने विचार लिखिए |

उत्तर :

मनुष्य आदि काल से कुछ पशुओं को पालते आ रहा है| जिन पशुओं को वह पालता है| उसे पालतू पशु कहा जाता है| पालतू पशु हमारे लिए श्रम करते है| वे हमें भोजन एवं जीवन -यापन की अन्य सामग्रियाँ प्रदान करते है वें जन-समुदाय के लिए अनेक प्रकार से उपयोगी होते है| आखिर जानवर में भी जान होती है| जिन्हें हमारी ही तरह भूख-प्यास लगती है तथा वे भी प्यार के भूखे होते हैं पालतू जानवरों के साथ हमें वैसा ही व्यवहार करना चाहिए | जैसे हम या आप खुद को या फिर अपने बच्चे को करते है| हमें अपने पालतू जानवरों के साथ हमेशा सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए| जिससे वे खुश रह सके | उन्हें न तो बहुत कम और न ही बहुत ज्यादा भोजन दें| पालतू जानवर को प्यार दें| पालतू जानवर अधिक से अधिक प्यार चाहते है, उनसें बातें करे “हैलो, तुम कैसे हो इत्यादि”| अपने पालतू जानवर के साथ खेले, उसे सहलायें या सिर्फ घास पर बैठकर उसे बहलाये| उन्हें सजा के रूप में पट्टा, थप्पड़ मारकर आतंकित न करें| समय-समय पर उसे पुरस्कृत भी करें|

पठनीय

भारत सरकार द्वारा ‘पशु संरक्षण’ पर चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी पढ़िए और घोषवाक्य बनाकर प्रस्तुत कीजिए |

उत्तर :

भारत सरकार द्वारा ‘पशु संरक्षण’ पर चलाई जाने वाली योजनाओं के आधार पर घोषवाक्य इस प्रकार है |

i) ‘जीवों की रक्षा है देश की रक्षा’|

ii) ‘करे प्रण अब जीवों को रक्षित, होगी तभी धरती सुरक्षित’|

iii) ‘जीवों के लिए प्यार जगाओ, जंगल में न आग लगाओ’|

iv) ‘जीव-संरक्षण का वचन निभाओं, हर एक जीव को बचाओ’|

v) ‘तभी मनुष्य बनेगा महान, जब जीवों का होगा कल्याण’|

vi) ‘धरती माता करे पुकार, जीवों का न करो संहार’|

vii) ‘चलो बेहतर भविष्य बनाये, जीव-जंतुओं को बचाए’|

viii) ‘जीव-जंतुओं को बचाओ, सच्ची मानवता का धर्म निभाओ’|

ix) ‘जैव विविधता को बनाये रखे, भविष्य को बचाए रखे’|

x) ‘आओ-आओ जीव बचाए, सभी का जीवन बेहतर बनाये’|

संभाषणीय

‘विलुप्त हो रहे जानवरों’ पर संक्षेप में अपने विचार व्यक्त कीजिए |

उत्तर :

भारत अपनी सम्पन्न जैव विविधता के लिए जाना जाता है| लेकिन धीरे-धीरे इस विविधता ने विलुप्ता का आकर ले लिया है| भारत के प्राचीन ग्रंथों में पशु-पक्षियों का विस्तुत वर्णन मिलता है| वनों की कटाई और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण जंगली जानवरों के लिए उनके निवास स्थान ना होने की वजह से जानवर विलुप्त होने की कगार पर है| विलुप्त होने में पहला नम्बर “Save Tiger” मिशन के बाघ का| भारत का राष्ट्रीय पशु सर्वाधिक संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है| जानवरों के विलुप्त होने का मुख्य कारण पर्यावरण प्रदूषण, वनों की कटाई, जीव-जन्तुओं के निवास स्थानों पर अतिक्रमण, मानव हस्तक्षेप, अवैध शिकार इत्यादि है| विभिन्न जानवरो की प्रजाति के विलुप्त होने का प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है|

दुनिया में अधिकांश वन्यजीवों के प्रजातियों पर मानव का प्रभाव लगातार पड़ रहा है| पिछली कुछ सदियों से मानवों द्वारा संसाधन, ऊर्जा और वन स्थलों के उपयोग में तेजी आई है| दुनिया के अधिकांश भागों में जीव विविधता में अत्याधिक पर्यावरण ह्रास हो रहा है| पर्यावरण पर जैसे मानव का प्रभाव बढता है, जीवन की विविधत घटती जा रही है| लोग लगातार अपने लिए अन्य प्रजातियों के संसाधनो और स्थलों का उपयोग करने लगे है जो नकारात्मक रूप से कई जीवों के अस्तित्व को प्रभावित कर रहा है| अत: यह अति आवश्यक हो गया है कि हम सभी मिलकर जीव-जन्तु का संरक्षण करे | इसके लिए सरकार ने जन-जागृति कार्यक्रम करवाएं है हम सभी को इन कार्यक्रम व कानून का कड़ाई से पालन करना चाहिए| जिससे पर्यावरण की रक्षा हो सकें साथ ही आने वाली भावी पीढ़ी और मानव जाति की भलाई हो|

लेखनीय

‘पेटा’ (PETA) संस्था के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए और इसके प्रमुख मुद्दे विद्यालय के भित्ति फलक पर लिखिए |

उत्तर :

‘पेटा’ (PETA) दुनिया की बहुत सी समस्याओं में से एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है ‘पशुओं का शोषण’| जिसके उपाय के लिए कार्य करने वाली प्रमुख संस्था है ‘PETA’|

PETA का पूरा नाम ‘पशुओं के साथ नैतिक पक्षधर के लोग’ का गठन 1980 में इनग्रिड न्यूकिर्क एवं एलेक्स पचे को द्वारा किया गया था|

पेटा संस्था की महत्वपूर्ण जानकारीयाँ इस प्रकार है|

i) PETA इन चार क्षेत्रों अपना ध्यान केन्द्रित करती है| इन चार क्षेत्रों में खाद्य, उद्योग, कपड़ा व्यापार, प्रयोगशालाएँ एवं मनोरंजन उद्योग सम्मिलित है|

ii) इस के आलावा PETA कई अन्य मुद्दों पर भी कार्य करता है जिसमे पक्षी, कृतंक अर्थात कुतरने वाले जानवरो जैसे चुहा, गिलहरी आदि पशुओं की क्रूर हत्या भी शामिल है|

iii) PETA के अंतर्गत सार्वजनिक शिक्षा, क्रूरता जांच, अनुसंधान, पशुबचाव कानून, विशेष कार्यक्रमो एवं विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से कार्य करती है|

iv) PETA इंडिया का सरल सिद्धांत है जिसके अंतर्गत मनोरंजन, खाने, पहनने, प्रयोग करने के लिए पशुओं पर हमारा अधिकार नहीं है|

v) PETA भारत के अपने अनुसंधान कार्यों से पशुओं पर हो रहे अत्याचारों के प्रति शिक्षा के क्षेत्र में प्रयासकर, अनेक विधायी कार्यों से अनेक पशुओं के जीवन में अनगिनत सुधार किए है एवं अनगिनत पशुओं के जीवन को बचा रही है|

vi) PETA के अनुसार उसके प्रत्येक समर्थक को जानवरो के हिषत की लड़ाई लड़नी चाहिए|

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1) संजाल पूर्ण कीजिए :

उत्तर :

2) उचित घटनाक्रम लगाकर वाक्य फिर से लिखिए :

1. उसके गले में रस्सी थी |

2. रहमान बड़ा मूर्ख है |

3. वह लक्ष्मी को सड़क पर ले आया |

4. उसने तुम्हे बड़ी बेदर्दी से पीटा है |

उत्तर :

उचित घटनाक्रम के अनुसार वाक्य

4. उसने तुम्हे बड़ी बेदर्दी से पीटा है |

2. रहमान बड़ा मूर्ख है |

1. उसके गले में रस्सी थी |

3. वह लक्ष्मी को सड़क पर ले आया |

3) उत्तर लिखिए :

उत्तर :

4) गलत वाक्य, सही करके लिखिए :

1. करामत अली पिछले चार सालों से गाय की सेवा करता चला आ रहा था |

उत्तर:

करामत अली पिछले एक वर्ष से गाय की सेवा करता चला आ रहा था |

2. करामत अली को लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद इत्मीनान हुआ |

उत्तर :

करामत अली को लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद भी इत्मीनान नहीं हुआ |

5) निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर वर्णन कीजिए :

उत्तर :

6) कारण लिखिए :

1. करामत अली लक्ष्मी के लिए सानी तैयार करने लगा |

उत्तर :

कारण – रमजनी ने लक्ष्मी कों चारा नहीं दिया था | लक्ष्मी भूखी थी | इसलिए करामत अली लक्ष्मी के लिए पुआल, खली और दुर्रा आदि ले जाकर लक्ष्मी के लिए सानी तैयार करने लगा |

2. रमजानी ने करामत अली को रोगन दिया |

उत्तर :

लक्ष्मी की चोट की जगह पर लगाने के लिए रमजानी ने करामत अली ने रोगन दिया |

3. रहमान ने लक्ष्मी को इलाके से बाहर छोड़ दिया |

उत्तर :

कारण – रहमान ने लक्ष्मी, को इलाके से बाहर जहां नाला बहता है, जहां झाड़ – झखाड़ और कहीं दूब के कारण जमीन हरी नजर आती है, वहां छोड़ दिया ताकि वह घास इत्यादि खाकर अपना कुछ पेट भर ले |

4. करामत अली ने लक्ष्मी को गऊशाला में भरती किया |

उत्तर :

कारण – गऊशाला में लक्ष्मी वहां इत्मीनान से रहे इसलिए लक्ष्मी को गऊशाला में भरती किया और उसकी ठीक तरह से देखभाल हों| साथ ही वह लक्ष्मी को बेचना नहीं चाहता था |

7) हिंदी – मराठी में समोच्चरित शब्दों के भिन्न अर्थ लिखिए :

उत्तर :

अभिव्यक्ति

‘यदि आप करामत अली की जगह पर होते तो’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए |

उत्तर :

यदि मैं करामत अली की जगह पर होता तो शायद मैं भी करामत अली की तरह पशु – प्रेम में दुविधा में रहता | न ही, मैं लक्ष्मी सें दूर रहना चाहता न ही, उसका बुरा होते देख पाता | अंतत: मंहगाई और गरीबी के कारण उसे बेचने के बजाय दिल में पत्थर रख उसे गऊशाला में भरती करा देता |

भाषा बिंदु

1) निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्नो का प्रयोग कर वाक्य पुन: लिखिए :

1. ओह कंबख्त ने कितनी बेदर्दी से पीटा है

उत्तर :

“ओह ! कंबख्त ने कितनी बेदर्दी से पीटा है”|

2. मैंने कराहते हुए पूछा मैं कहां हूं

उत्तर :

मैंने कराहते हुए पूछा – “मैं कहां हूं?”

3. मझली भाभी मुट्ठी भी बुदियाँ सूप में फेंककर चली गई

उत्तर :

झली भाभी; मुट्ठी भी बुदियाँ, सूप में फेंककर चली गई|

4. बड़ी बेटी से ससुराल से संवाद भेजा है उनकी ननद रूठी हुई है मोथी की शीतलपाटी के लिए

उत्तर :

बड़ी बेटी से ससुराल से संवाद भेजा है, “उनकी ननद रूठी हुई है, मोथी की शीतलपाटी के लिए”|

5. केवल टीका नथुनी और बिछिया रख लिए थे

उत्तर :

केवल ‘टीका’, ‘नथुनी’ और ‘बिछिया’ रख लिए थे|

6. ठहरो में मां से जाकर कहती हूं इतनी बड़ी बात

उत्तर :

“ठहरो ! में मां से जाकर कहती हूं” | “इतनी बड़ी बात!”

7. टांग का टूटना यानी सार्वजानिक अस्पताल में कुछ दिन रहना

उत्तर :

‘टांग का टूटना’, यानी सार्वजानिक अस्पताल में कुछ दिन रहना |

8. जल्दी – जल्दी पैर बढ़ा

उत्तर :

जल्दी – जल्दी पैर बढ़ा |

9. लक्ष्मी चल अरे गऊशाला यहां से दो किलोमीटर दूर है

उत्तर :

“लक्ष्मी चल, अरे ! गऊशाला यहां से दो किलोमीटर दूर है |”

10. मानो उनकी एक आंख पूछ रही हो कहो कविता कैसी रही

उत्तर :

मानो उनकी एक आंख पूछ रही हो, “कहो, कविता कैसी रही ?”

2) निम्नलिखित विरामचिह्नो का उपयोग करते हुए बारह-पंद्रह वाक्यों का परिच्छेद लिखिए :

विरामचिह्न वाक्य
|
?
;
,
!
‘ ‘
” “
X X X
_____ o ______
………..
( )
[ ]
^
:
-/

उत्तर :

विरामचिह्न वाक्य
|बच्चे खेल रहे थे |
उसे लक्ष्य प्राप्ति में दिन-रात एक कर दिया |
?वह लड़की कौन है ?
;जब भी श्याम आता है; तुम भी आ जाते हो |
,मुट्ठी भर बुंदिया, सूप में फेंककर चली गई |
!हाय ! बेचारा व्यर्थ में मारा गया
‘ ‘‘कहो, कविता कैसी रही ?’
” ““रघुकुल रीति सदा चली आई |
प्राण जय पर वचन न जाई”|
X X X राम एक व्यापारी हे X X X बाजार में उसकी दुकान है|
_____ o ______उपरोक्त कहानी से यह संदेश मिलता है की हमेशा उपकार करना चाहिए ____ o ______
………..गांधीजी ने कहा – “परीक्षा की घड़ी आ गई है …………… हम करेंगें या मरेंगें|
( )वर्धा (महा.) भारत का एक जिला है |
[ ]भारत में फल [ जैसे आम, (दशहरा) सेब अमरूद आदि] बहुतायत में मिलते है |
^हमने आपसे पहले ^ही कह दिया था इस समय डॉक्टर नहीं |
:कृष्ण ने अनेक नाम है: मोहन, गोपाल, गिरिधर आदि |
/मैं अपनी बात आपसे कम-से-कम शब्दों में कहना चाहता/चाहती हूं|

उपयोजित लेखन

किसी पालतू प्राणी की आत्मकथा लिखिए |

उत्तर :

मैं गाय हूं| यही मेरा नाम है| इंसान और इंसानियत से ज्यादा ही पुराना है मेरा अतीत | कुदरत ने मुझे प्राणि जगत मैं जगह दी| फिर मैं जन्तु साम्राज्य में रीढ़धारी, स्तनधारी, शाकाहारी चौपाया के परिवार का सदस्य बनी | मनुष्य को मैंने उस युग से देखा है जब वो आदि मानव था | जंगल में नंग -धड़ग घूमता था | छोटा – मोटा शिकार करके अपना पेट भरता था| जैसे-जैसे मनुष्य की बुद्धि का विकास हुआ उसनें खेती करना सीखा और परिवार-समाज की रचना की| जैसे-जैसे मानव समझदार बना, उसे मेरी शराफत और सज्जनता ने आकर्षित किया | उसने मेरे शील – स्वभाव को पहचाना| मुझे साथ रहने के लिए अपने घरों में ले गया| मैं भी सीधी- सीधी थी| चल दी उसके साथ| इस तरह में जनावर से पालतू पशु बन गयी| इंसान ने मुझे भोजन और संरक्षण दिया | बदले मैं उसे दूध और गोबर देती हूं | धीरे-धीरे समाज का विस्तार हुआ और ब्राह्मणों ने मुझे व मेरे गौवंश में धार्मिकता की नयी परम्पराओं से जोड़ा| और हमे पूजने लगें|

आज जब तक मैं इंसान की सेवा करने के लायक रहती हूं तब तक तो वो मेरा ख्याल रखता | लेकिन जैसे-जैसे उम्र हम पर हावी होने लगती है, वैसे-वैसे हमारा जीवन नरक हो जाता है| पेट भरने के लिए हमें सड़को पर भटकना पड़ता है| सड़क पर दिखने वाली हर एक गाय कहने को पालतू है, लेकिन उसके पालनहार उसके साथ कितनी क्रूरता से पेश आते है यह कोई हमसे पूछे|

साफ-सुथरा चारा खाने वाली, कैसे कूड़े-कचरे में मुँह मारकर पॉलीथीन की थैलियों समेत सड़े-गले को खाकर अपना पेट पालती है|

गायों का बुढ़ापा जितना कष्टकारी शायद ही किसी और प्राणी का होता हो|

पता नहीं, इंसानियत के धार्मिक ठेकेदारों को हम पर कब तरस आएगा|

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